Sunday, May 5, 2024
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बीएसए की दबंगई भटक रहीं शिक्षामित्र

सासनी/हाथरस, जन सामना ब्यूरो। तहसील क्षेत्र के गांव सांदलपुर और सहजपुरा की शिक्षामित्रों के मूल निवास प्रमाण पत्र एसडीएम द्वारा निरस्त किए जाने पर बीएसए ने दोनों शिक्षामित्रों को उनके पदों से हटा दिया। उच्चाधिकारियेां द्वारा संतुति करने पर भी बीएसए शिक्षामित्रों को बहाली नहीं कर रहे है। इसकी शिकायत करने हेतु पीडितों ने न्यायालय की शरण ली है। न्यायालय की शरण में गई गांव सांदलपुर की शिक्षामित्र गायत्री सिंह तथा पूनम ने बताया कि किन्हीं कारणोंवश एसडीएम द्वारा उनके निवास प्रमाण पत्र निरस्त कर दिए थे। इसकी जानकारी जब बीएसए को हुई तो उन्होंने दोनों को पदोच्युत कर दिया। इसकी शिकायत जब उन्होंने एसडीएम और डीएम से की तो डीएम ने दोनों की बहाली और जांच हेतु पत्र कमिश्नर को भेज दिया। जांच के बाद जब दोनों शिक्षामित्रों का निवास सही पाया गया तो उन्होंने दोनों शिक्षामित्रों को मूल निवास प्रमाण पत्र जारी करने तथा बीएसए को शिक्षामित्र बहाली के लिए निर्देशित कर दिया। मगर बीएसए की हठधर्मी और तानाशाही के चलते दोनो शिक्षामित्रों की बहाली नहीं हो सकी। जिसे लेकर शिक्षामित्र न्यायालय की शरण में गईं और अपनी दुखडा रोया। न्यायालय ने भी अपनी प्रतिक्रिया में दोनों की बहाली के निर्देश दिए। मगर बीएसए ने उनकी बहाली नहीं की। शिक्षामित्रों के परिजनों का अरोप है कि बीएसए के लिपिक आदि ने उनसे सुविधा शुल्क की मांग भी की। उनकी मांग पूरी न होने के कारण दोनों शिक्षामित्र न्यायालय और अधिकारियों के चक्कर काट रहीं है।