Monday, November 18, 2024
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गरीबों के आवास के नाम पर अफसरों ने किया खेल

मृतकों को भी अलॉट हुई कॉलोनी, खाते से धन भी निकला, करोड़ों के घोटाले की आशंका !
आरोप : विकास दुबे के संरक्षण में प्रधानपती रामजी त्रिवेदी ने अफसरों की मिलीभगत से छीना गरीबों का हक, जन सामना से बयां की पीड़ा
वादी दस सालों से अफसरों की चौखट पर दे रहा दस्तक, कोई सुनने वाला नहीं, शिकायत पर अफसर लगाते फर्जी रिपोर्ट
कानपुर, पंकज कुमार सिंह। खूंखार अपराधी विकास दुबे ने अपने आतंक के साये में न वल्कि अपराधियों की फेहरिस्त खड़ी की अपितु सरकारी अफसरों को भी अपनी जालसाजी का हिस्सेदार बनाया। यही वजह रही कि क्षेत्र का कोई भी अफसर विकास दुबे व उसकी टीम के किसी व्यक्ति के विरुद्ध कोई कदम नहीं उठाता था। शहीद सीओ देवेन्द्र मिश्र ही वह शख्स थे जिन्होंने अपनी कर्तव्यनिष्ठा से अपराधियों के आगे घुटने नहीं टेके।
गुरूवार को विकास खण्ड व तहसील बिल्हौर थाना ककवन क्षेत्र ग्राम अनेई निवासी बालकृष्ण पुत्र मथुरा ने जन सामना से अपनी पीङा बयां की तो उनका दर्द छलक पङा। बालकृष्ण ने बताया कि गत् दस सालों से वह अपने हक के लिए अफसरों की चौखट पर दस्तक दे रहे हैं पर उनकी कोई सुनने वाला नहीं हैं। लेकिन न्याय के लिए उनकी आस बरकरार है। दरअसल बालकृष्ण का आरोप है कि वर्ष 2009-10 में सरकारी आवासीय योजना के तहत उनका नाम पंजीकृत हुआ था। लेकिन उनको आजतक कोई आवास नहीं मिला और न हीं कोई धन प्राप्त हुआ। लेकिन उनके नाम से हजारों रुपये की राशि निकल गई। उन्होंने सूचना के अधिकार से जानकारी जुटाई और खुद ही पङताल की तो विकास खण्ड दफ्तर से ज्ञात हुआ कि उनको आवास आवंटित हुआ है और उनके नाम से पहली किस्त रू.26250 व रू.9350 का धन भी आवंटित हुआ लेकिन यह रकम उन्हें नहीं मिली। उनका आरोप है कि अनेई के प्रधान पति शिव स्वरूप उर्फ रामजी त्रिवेदी ने जालसाजी कर निकलवा लिए। बाताया गया कि रामनारायन पुत्र मथुरा के खाते से भी 35 हजार से अधिक रूपये फर्जी तरीके से निकालवा लिए गए। कालोनी आवंटन में इतना बङा गङबङझाला हुआ की मृतकों को भी आवास आवंटित कर दिया गया और धन की निकासी भी हो गई। लेकिन आवंटी को कानों कान खबर तक न हुई। राजेश्वरी पत्नी फुलई, चन्द्रावती पत्नी बिहारी सहित रामबाबू सहित कईयों के नाम पर लाखों रूपयों का गबन हुआ है।
वार्ता में अन्य लोगों ने यह भी बताया कि रामजी त्रिवेदी को कुख्यात आतंकी विकास दुबे का संरक्षण प्राप्त था। जिसके चलते गत पंद्रह सालों में प्रधान कोई भी रहे पर प्रधानी रामजी त्रिवेदी के हाथ ही चलती है। वर्तमान में रामजी त्रिवेदी की पत्नी शिववती ग्राम अनेई की प्रधान है। रामजी पर आरोप है कि उसने अफसरों से मिलीभगत कर फर्जी तरीके से हजारों रूपये लेकर अवैध पट्टे करवाए हैं। सरकारी योजना में 58 आवास गांव के लिए आए जिसमें खूब गङबङझाला हुआ है। रामजी त्रिवेदी ने ग्राम समाज की जमीन भी गौशाला के नाम पर अवैध तरीके से कब्जाई है। आरोप है कि रामजी त्रिवेदी गुण्डागर्दी व भ्रष्टाचार में लिप्त है। शिकायती प्रार्थनापत्र दिया तो स्थानीय अफसर उच्चाधिकारियों के लिए फर्जी आख्या प्रेषित कर मामला दबा देते हैं। इधर बालकृष्ण ने बताया कि जब उन्होंने अन्याय अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई तो उनपर फर्जी मुकदमों में फंसाने का प्रयास किया गया। और अब प्रधानपति रामजी त्रिवेदी जान से मारने की धमकी देता है। बालकृष्ण ने बताया की उन्होंने दिवंगत सीओ देवेन्द्र मिश्र से भी शिकायत की जिसपर सीओ श्री मिश्र ने कार्यवाही की थी। उन्होंने एसडीएम बिल्हौर को भी मामले से अवगत कराया है। लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। जन सामना ने बीडीओ बिल्हौर से मामले की जानकारी करनी चाही तो उनसे सम्पर्क नहीं हो सका। जो सीयूजी नम्बर मिला उसकी इनकमिंग सुविधा बन्द बताई गई।
जांच हुई तो निकलेगा बड़ा गड़बड़झाला
58 आवास के नाम पर धनराशि का गबन गंभीर मामला है। मृतकों को भी आवंटन हुआ यह भी जांच का विषय है। जिम्मेदार अधिकारी लीपापोती मे लगे हैं। लोगों का कहना है कि मामले की गहराई से जांच हुई तो बड़े घपले उजागर होंगे।
डीआईजी अनन्तदेव पर नहीं हुई अब तक कोई कार्रवाई
तत्कालीन कानपुर नगर एसएसपी दुर्दांत अपराधी विकास दुबे व उसके सहयोगी जयकान्त बाजपेई से नजदीकियों के मामले प्रकाश में आए है। उनपर विकास दुबे व जय बाजपेई को संरक्षण देने का आरोप भी लगे हैं। ऐसे में वह संदेह के घेरे में हैं। कोरोना काल में भी वह जय बाजपेई से नजदीकियों के फोटो वायरल हुए हैं लेकिन अनन्तदेव पर कोई जांच नहीं बैठाई गई है। कुछ दिनों पूर्व वायरल हुए ऑडियों ऐसे सामने आए जिनको सुनकर दिल दहल जाये। ऑडियो में शहीद बहादुर सीओ देवेन्द्र मिश्र ने एसपी ग्रामीण को बताया कि कैसे इंस्पेक्टर विनय तिवारी ने जुए के पैसे से एसएसपी अनंत देव को पॉच लाख रुपये दिये ! अनंतदेव का अपराधियों को संरक्षण मिला था। फिल्हाल आरोपों की फेहरिस्त में अनन्तदेव कटघरे में हैं। मामला जांच का है। लेकिन अनन्तदेव पर जांच व कार्यवाही की जद में न आना सवाल खङे कर रहा है।