खंड विकास अधिकारी का भ्रष्टाचारियों को संरक्षण
एडीओ पंचायत की लूट नीति से स्वच्छ भारत मिशन की उड़ रही धज्जियां
प्रयागराज, वी. डी. पाण्डेय। योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीत को ठेंगा दिखा रहे उनके मातहत विकासखंड भगवतपुर के अंतर्गत ग्रामों में 5 साल बीत जाने के बावजूद विकास का दूर-दूर तक कहीं कोई अता पता नहीं है चारों ओर गांव में गंदगी का अंबार लगा हुआ है नालियां चोक हैं रास्ते की कीचड़ से भरे पड़े हुए हैं। बूढ़े बच्चे सभी इन रास्तों पर गिरकर घायल हो रहे हैं डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया जैसी बीमारियां फैलाने वाले मच्छरों का प्रकोप दिनों दिन बढ़ता जा रहा लेकिन जिम्मेदार हैं कि ब्लॉक सप्ताह में एक या 2 दिन आते हैं और कभी वह भी नहीं अब कैसे होगा गांव का विकास।
सूत्रों की माने तो स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां उड़ाने में सहायक विकास अधिकारी श्रीकांत यादव का योगदान किसी भी मायने में कम नहीं है सफाई कर्मी गांव में आते नहीं है या फिर आते हैं तो चेहरा दिखा कर प्रधानों के यहां बैठकर चौराहों पर गप्पे बाजी मार कर चले जाते हैं उनसे बात की जाती है तो पता चलता है की दो-दो, तीन-तीन हजार रुपए एडीओ पंचायत रहमो करम के लिए लेते हैं सफाई कर्मी कहते हैं हम सफाई किसलिए करें इसीलिए तो पैसा देते हैं कि बैठकर मलाई खाए दूसरी तरफ जो सफाई कर्मचारी काम भी करना चाह रहे हैं। उनसे भी पैसे लिए जाते हैं अब यदि पैसे लेकर सफाई कर्मचारियों को घर बैठाया जाएगा तब कैसे स्वच्छ भारत होगा।
ऐसा ही कुछ हाल विकासखंड के मुखिया का है जिन की तानाशाही से आम आदमी अपनी समस्याओं को रख नहीं पाता और मिल नहीं पाता यही नहीं महोदय घर बैठकर ब्लॉक चलाते हैं। सप्ताह में मात्र 2 दिन शायद ही आना होता है यदि किसी गरीब मजलूम की कोई शिकायत या समस्या है और साहब ब्लॉक में नहीं हैं तब उनसे फोन पर बात करना संभव नहीं है क्या इसी तरह विकासखंड भगवतपुर के जिम्मेदार करेंगे क्षेत्र और जनता का सहयोग और विकास। एक और देश के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जनता जनार्दन की सेवा के लिए रात दिन समर्पित हैं वहीं दूसरी ओर ब्लॉकों में बैठे अधिकारी प्रधानों और ग्राम विकास अधिकारियों को भ्रष्टाचार करने की पूरी छूट दे रखे हैं ना किसी गांव में जाना ना किसी गांव की स्थिति को देखना और ना ही किसी गरीब असहाय की सुनना जो ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव कागजों पर दिखा रहे हैं। खंड विकास अधिकारी उसी में चिड़िया बैठा दे रहे हैं। वह काम गांव में किया गया या नहीं किया गया यह किस स्तर का किया गया। इसकी जानकारी कोई भी लेने वाला नहीं है जिसका फायदा उठाकर ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी खेल कर रहे हैं। यदि सरकार विकासखंड भगवतपुर व उससे संबंधित ग्रामों की जांच कराएं तो दूध का दूध और पानी का पानी सबके सामने होगा। इस समय तो लूट मची है। अब प्रधानी जाने वाली है जितना हो सके पीछे के दरवाजे से निकाल लिया जाए यह स्पर्धा चल रही है।