Monday, November 18, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » ब्लाक भगवतपुर में स्वच्छ भारत मिशन की उड़ रही धज्जियां, जिम्मेदार बने धृतराष्ट्र

ब्लाक भगवतपुर में स्वच्छ भारत मिशन की उड़ रही धज्जियां, जिम्मेदार बने धृतराष्ट्र

प्रयागराज, वी. डी. पाण्डेय। केंद्र व राज्य सरकार जहां स्वच्छ भारत मिशन अभियान चलाकर स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक कर रही है। वही विकासखंड भगवतपुर के गांवों में गंदगी से बजबजाती नालियां स्वच्छता अभियान व स्वास्थ्य विभाग की हकीकत बयां कर रही हैं। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस अभियान को प्रमुखता से देख रहे हैं लेकिन सरकार के इस अभियान की ग्रामीण क्षेत्रों में धज्जियां उड़ाई जा रही है। इसका सबसे बड़ा प्रत्यक्ष प्रमाण ब्लॉक भगवतपुर की ग्राम सभा कादिलपुर है। जहां ग्रामीणों को यह भी नहीं पता कि ग्राम पंचायत में सफाई कर्मी कौन है और उसका नाम क्या है? क्योंकि यहां पर नियुक्त सफाई कर्मी कभी गांव में आता ही नहीं है और यदि कभी कबार आता भी है तो ग्राम प्रधान के पास हाजिरी बजाकर चला जाता है। जहां कुछ को छोड़ कर लगभग 70% ग्राम पंचायतों में सिर्फ तनख्वाह निकालने को ही ग्राम प्रधान के पास आते हैं इसमें से कुछ तो ऊची पहुंच के कारण आते ही नहीं और कुछ आते भी हैं तो सिर्फ ग्राम प्रधान के दरवाजे की सफाई तक सीमित रह जाते हैं जैसे कि ग्राम पंचायत कादिलपुर।

वीडीओ, एडीओ पंचायत सहित शासन के अधिकारियों की ओर से भी किसी सफाई कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाती जिससे उनके कार्य शैली में कोई बदलाव नहीं होता। क्षेत्र की ग्राम पंचायत कादिलपुर के अलावा बेगमपुर, मंदर, पावन काठगाव, बमरौली सहित लगभग सभी गांव में सफाई का बुरा हाल है। यहां लोगों को खुद ही नालियों की सफाई करनी पड़ रही है जबकि संपूर्ण स्वच्छता अभियान के अंतर्गत ब्लॉक के गांव में साफ-सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी लेकिन सफाई व्यवस्था भगवान भरोसे ही बनी हुई है। यदि सरकार के स्वच्छ भारत अभियान की इसी तरह धज्जियां उड़ाई जाती रही तब केंद्र सरकार का प्रधानमंत्री का सपना कैसे साकार होगा।
आपको बता दें की इस ग्राम पंचायत में शौचालय भी नाम मात्र लोगों को ही दिए गए हैं इसी ग्राम की महिला मनोज देवी पत्नी मसूरिया दीन ने बताया कि उसे शौचालय सहित किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है गांव मे रास्ते तक नहीं है। मेड़ों के सहारे दूरदराज से पीने का पानी लाते हैं बरसात में जलभराव की वजह से वह गिर कर चोटिल भी हो चुके है। कुछ ऐसी ही कहानी एक वृद्ध लालचंद पुत्र स्वर्गीय राम दुलारे ने भी बताया कि उसके पास भी रहने को घर नहीं है शौचालय भी नहीं मिला और रास्ते आज की दशा दयनीय है। इसी ग्राम की कलूटी, विमला देवी, पत्नी नन्हे लाल लखपति जैसी दर्जनों महिलाओं ने शौचालय ना मिलने और खुले में शौच आदि जाने का दर्द बयां किया और बताया कि हमारे घर कच्चे हैं अभी तक हमें आवास भी नहीं मिला और मनरेगा में काम भी नहीं दिया जाता है। इस गांव की साफ-सफाई हम लोग खुद ही करते हैं सफाई कर्मचारी भी कभी नहीं आता है।