हाथरस, नीरज चक्रपाणि। सरकारें जब तानाशाह के रूप में कार्य करेंगी तब आम आदमी अपनी आवाज को कैसे रखेगा। ऐसी सरकारें आम आदमी के लिए काम न करके अपने अहम और अपने खिलाफ उठने वाली आवाजों को दबाने के लिए कार्य कर रही हैं। एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक ह्यूमन राइट्स महाराष्ट्र सरकार द्वारा अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ की जा रही तानाशाही और लोकतंत्र की हत्या की घोर निंदा करती है। एडीएचआर के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीन वार्ष्णेय ने निंदा करते हुए कहा है कि जब से कंगना रनौत ने अपनी बात स्पष्ट तरीके से रखना शुरू किया है| महाराष्ट्र सरकार के नुमाइंदे अभिनेत्री की आवाज को दबाने का कार्य कर रहे हैं। लेकिन जब अभिनेत्री पर उनकी धमकियों का कोई असर नहीं हुआ, तो उन्होंने आनन-फानन में अभिनेत्री को डराने धमकाने के लिए बीएमसी के द्वारा ऑफिस पर कार्यवाही करा कर अपनी तानाशाही और हठधर्मिता का परिचय देते हुए कार्यवाही की। जो की घोर निंदनीय और लोकतंत्र की हत्या कहीं जानी चाहिए। इस तरह तो कोई भी आम आदमी अपनी बात को सरकार के विरुद्ध नहीं रख सकेगा और अगर रखेगा तो सरकार का चाबुक सहना पड़ेगा। एडीएचआर ऐसे किसी भी कार्य और किसी भी सरकार द्वारा किए जाने वाली कार्यवाही की घोर निंदा करती है।