रनिया/कानपुर देहात, जन सामना। पंडित कुंदनलाल शुक्ल महाविद्यालयएरनिया कानपुर देहात में आज बी टी सी व एल एल बी के छात्र.छात्रों का सम्मान समारोह विधिक साक्षरता का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि साक्षी गर्ग सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अतिथि कंचन मिश्रा समाजसेविका, तुलसी राम पाण्डेय थानाध्यक्ष अकबरपुर,उमा द्विवेदी व कालेज के संरक्षक लक्ष्मीकांत शुक्ल प्राचार्य डॉ कामता प्रसाद शर्मा, झलकेश्वर तिवारी ने सरस्वती पूजन व दीपक जलाकर कार्यक्रम उदघाटन किया। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना . ज्योति कुशवाहा, ज्योति दुबे, साक्षी सिंह, प्रतीक्षा पाठक, जान्हवी बाजपेयी, आशू यादव स्वागत गीत व समूह गान साक्षी, ज्योति, शैलेन्द्री, मनीषा, संचिता, शानू देवी, व एकल गीत साक्षी सिंह,ज्योति के द्वारा की गयी। कार्यक्रम में आये अतिथियों का साल पहनाकर सम्मान साक्षी गर्ग जी का डा कामता प्रसाद शर्मा ने, राजीव राज का डा झलकेश्वर तिवारी ने, तुलसीराम पाण्डेय जी का डा आर पी यादव जी ने, कंचन मिश्रा का डा0 रेखा त्रिपाठी ने व कालेज के संरक्षक लक्ष्मीकांत शुक्ल का अरविंद पाण्डेय ने किया। कार्यक्रम के मुख्यअतिथि जी ने छात्र.छात्रों का सम्मानित कर जागरूक करते हुए कहा कि जिला विधिक प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य आप के छोटे. छोटे समझौते के आधार पर निस्तारित कराना है।इसके साथ ही लोगो को कानूनी सहायता निशुल्क उपलब्ध कराना है, उन्होने बताया, की विधिक सेवा प्राधिकरण उन पात्र व्यक्तियों की निशुल्क सेवा करने के लिए कटिबद्ध है। जिनकी वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम है।अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति से सम्बंधित महिलाओं, बच्चे, दिव्यांग व दिमागी रूप से कमजोर व्यक्तियों को सेवाएं उपलब्ध कराती है। थानाध्यक्ष अकबरपुर तुलसीराम पाण्डेय ने सम्बोधित करते हुए कहा,कि सुरक्षित ड्राइव करने के लिए भारत सरकार ने यातायात के नियम बनाये है। जिसका पालन करते हुए सावधानी रखी जा सकती है। यह सब ड्राइवर के यातायात के नियम न पालन करने के कारण व अपने शौक के लिएऔरो के परवाह न करने के कारण होता है। आजकल छोटे.छोटे बच्चे भी ड्राइविंग करते है करते है। जिन्हें यातायात के नियम की न समझ होती है और न ही पालन करते हैए इससे हम सभी को जागरूक होने की जरूरत है। वही समाजसेविका कंचन मिश्रा ने सम्बोधित करते हुए कहाएकि शिक्षकों के साथ ही माता.पिता को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए। कि बच्चा अनुशासित जीवन जी रहा है अगर छात्र अनुशासन बनाये रखने में कष्ट महसूस कर रहा है। तो इसका कारण समझना चाहिए और जिस कारण बच्चों को अनुशासन का पालन करने में कठिनाई आ रही है। तो उस कारण को दूर करने का प्रयास करना चाहिए। क़्योंकि छात्र जीवन ही आदमी के आगे बढ़ने का आधार होता है। जबतक छात्र कुछ सीख रहा है उसे सीखने का पूरा मौका देना चाहिए। जभी वो एक अच्छे समाज व परिवार का नाम ऊँचा कर सकते है। कालेज के सरंक्षक लक्ष्मीकांत शुक्ल ने कहा कि छात्रों ने जिस प्रकार अपनी कार्य कुशलता की अलख बिखेर रहे है। उसी प्रकार से महाविद्यालय के अध्यापको का योगदान रहा है। छात्रों के भविष्य निर्माण दायित्व गुरु को ही दिया जाता है। शिक्षक और शिक्षार्थी समाज के दो अभिन्न अंग है।गुरु बिना ज्ञान की प्राप्ति सम्भव नही है। शिक्षार्थी नही तो शिक्षक का ज्ञान व्यर्थ है एकलव्य के उदाहरण से गुरु शिष्य सम्बन्धो की मजबूती देखी जा सकती है। इस दौरान डा रेखा त्रिपाठी, डा मोनिका मिश्रा, सपना चतुर्वेदी, रेनू शुक्ला, विदुषी सचान, रजनी शुक्ला, अर्चना पाल, ताबिश रज्जाक, राकेश दिवाकर, अमित शुक्ल, विपिन, अम्बुज, गिरिजेश दीक्षित, अनमोल तिवारी, गोविंद तिवारी,रोहन सिंह, शुभम, शौर्य शुक्ल,मोहित यादव,शेखर शर्मा, सुभाष पाल आदि लोग मौजूद रहें।