कानपुर नगर, जन सामना। अपर जिला मजिट्रेट अतुल कुमार ने बताया है कि जनपद में पतंग उड़ाने हेतु कोई व्यक्ति न तो सिन्थेटिक मांझा/सीसा लेपित/नॉयलान पतंग डोरी एवं चाइनीज मांझे का प्रयोग करेगा और न ही प्रयोग करने हेतु किसी को उत्प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा है कि कोई भी व्यक्ति/दुकानदार/संस्था सिन्थेटिक मांझा/सीसा लेपित/ नॉयलान पतंग डोरी एवं चाइनीज मांझे की न तो बिक्री करेगा और न बिक्री करने हेतु किसी को उत्प्रेरित करेगा। उन्होंने यह भी कहा है कि कोई भी व्यक्ति/दुकानदार/संस्था सिन्थेटिक मांझा/सीसा लेपित/नॉयलान पतंग डोरी एवं चाइनीज मांझे की न तो निर्माण व भण्डारण करेगा और न ही ऐसा करने हेतु किसी को उत्प्रेरित करेगा।
उन्होंने कहा है कि उपरोक्त का उल्लंघन भारतीय दण्ड संहिता अधिनियम संख्या.45 सन् 1860 की धारा 188 के अन्तर्गत दण्डनीय होगा। यह आदेश कानपुर महानगर की सीमा तक प्रभावी होगा। इस आदेश का प्रचार.प्रसार पुलिस अधीक्षकों द्वारा थानों के माध्यम से कराया जाये। यह आदेश दिनांक 20.02.2021 से 19.04.2021 तक प्रभावी रहेगा। उन्होंने बताया है कि यह आदेश शांति भंग की संम्भावना को ध्यान में रखते हुये धारा. 144 जा0फौ0 के अन्तर्गत पारित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया है कि मा० उच्च न्यायालय,उइलाहाबाद द्वारा जनहित याचिका संख्या 58620/2015 में पारित आदेश दिनांक 19.11.2015 राष्ट्रीय हरित अधिकरण नई दिल्ली द्वारा ओ0ए0 सं0. 384/2016 एवं ओ0ए0सं0.442/2016 में पारित आदेश दिनांक 14.12.2016 के अनुपालन हेतु पर्यावरण विभाग, उ0प्र0 शासन के आदेश सं0./2017/188/56.पर्या.2017.49 पर्या० 2015 दिनांक 01.05.2017 के द्वारा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा.5 के अन्तर्गत निर्देश जारी किये गये हैं। उत्तर प्रदेश के समस्त ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में पतंग उड़ाने हेतु सिन्थेटिक मांझा/सीसा लेपित/नॉयलान पतंग डोरी एवं चायनीज मांझे के निर्माण, भण्डारण उपयोग एवं बिकी को उससे होने वाली दुर्घटनाओं के दृष्टिगत प्रतिबन्धित किया जाता है। पतंग उड़ाने हेतु सिन्थेटिक मांझा/सीसा लेपित/नॉयलान पतंग डोरी एवं चायनीज मांझे के प्रयोग से पूर्व में मृत्यु एवं दुर्घटनायें हुई हैं। चूंकि इतना समय नहीं है कि जिन व्यक्तियों के विरूद्ध यह आदेश पारित किया जा रहा है। उन पर नोटिस की तामीली की जा सके। अतः यह आदेश एकपक्षीय पारित किया जा रहा है।