फिरोजाबाद। केला देवी स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्विद्यालय द्वारा एक श्रद्वांजली कार्यक्रम गांधी पार्क में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में संस्था की मुख्य प्रशासिका दादी हृदय मोहिनी को भाई-बहनों ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। सेंटर की संचालिका सरिता दीदी ने बताया कि दादी हृदय मोहिनी को लोग प्यार से दादी गुलजार भी कहते थे। दादी 8 वर्ष की अल्प उम्र में इस संस्था में आईं। ब्रह्मा बाबा द्वारा साकार शरीर त्यागने के बाद गुलजार दादी के तन से ही परमात्मा अवतरण का सिलसिला चलता रहा। दादी जी 2011 में फिरोजाबाद आईं थीं। गुलजार दादी के फिरोजाबाद में पावन कदम पड़ते ही कई कन्याओं ने अपना जीवन इस संस्था को समर्पण किया था। साथ ही बताया कि दादी इतनी न्यारी थी कि उनके चेहरे को देखकर सब को मां की अनुभूति होती थी और उनके सामने जो भी आता तो उसका व्यर्थ का संकल्प चलना बंद हो जाते थे। दादी के संस्कार और व्यक्तित्व असाधारण था। उनके व्यक्तित्व में प्रेम, शांति, ममता, दया व मदद की प्रेरक अनुभूति समाहित थी। महिलाओं द्वारा संचालित दुनिया की सबसे बड़ी आध्यात्मिक दादी हृदय मोहिनी को एक ईश्वरीय दूत के रूप में उनकी अनूठी भूमिका में मूल्यों, आध्यात्मिकता और समाज सेवा के संदेश को फैलाने के लिए उनके योगदान के लिए उत्तर ओडिशा विश्वविद्यालय, बारीपदा, मयूरभंज, ओडिशा (भारत) द्वारा डॉक्टर ऑफ लिटरेचर की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। 11 मार्च 2021 को महाशिवरात्रि के अवसर पर दादी गुलजार ने अपना पुराना शरीर छोड़ परमात्मा की गोद में समा गयीं। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डा. अशोक अग्रवाल, डा. अनुपम शर्मा, पार्षद विजय कुमार, राकेश गोयल, प्रेमपाल यादव, आचार्य धुर्व कुमार, रवि शर्मा, अशोका परिवार के अलावा सेंटर की दीदी मौजूद रहीं।