कानपुर देहात। जनपद कानपुर देहात के समीपवर्ती कुछ जनपदाें में मक्का की फसल में फालआर्मी कीट का प्रकोप पाया गया है। परन्तु अपने जनपद में अभी तक इस कीट का प्रकोप नहीं है। यह कीट अत्यधिक खतरनाक होता है। कीट की सूड़ी जाल की तरह फसल पौधे पर फैल जाती है। और तेजी से नुकसान पहुंचाती है। यह कीट फसल की सभी अवस्थाओं को हानि पहुंचाता है।जिला कृषि रक्षा अधिकारी विकास सेठ ने बताया कि कीट के प्रकोप की पहचान इसका काले रंग का सिर एवं सिर पर उल्टे वाई आकार का निशान होगा। शरीर पर काले रंग के गहरे धब्बे होते है तथा फसल की बढ़वार अवस्था में पत्तियों में छिद्र एवं पत्तियों के बाहरी किनारों पर इस कीट द्वारा उत्सर्जित पदार्थों से की जा सकती है। उत्सर्जित पदार्थ महीन भूसे के बुरादे जैसा दिखायी देता है। जनपद के कृषक भाईयों को सचेत किया जाता है कि आप अपनी फसल की नियमित निगरानी करते रहे। यदि यह कीट आपकी फसल में दिखायी देता है। तो तुरन्त कृषि विभाग को अवगत करा दे तथा इस कीट के यांत्रिक नियंत्रण हेतु सभी किसान भाई बर्ड पर्चर टी या वाई आकार की 06 से 07 फुट लम्बी लकड़ी की टहनियां पक्षियों के बैठने हेतु 06 से 08 प्रति एकड़ एवं सायं 07 से 09 बजे तक तीन से चार जगह प्रकाश प्रपंच एवं रसायनिक उपचार हेतु नीमआयल 05 मिली0 प्रति लीटर पानी अथवा इमामेक्टिन बेनजोएट 0.4 ग्राम प्रति ली0 पानी या थायोमेथाक्साम 12.6 प्रतिशत लेम्डासायहेलोथ्रीन 9.5 प्रतिशत 0.5 मिली0 प्रति ली0 पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें। जनपद के निजी विक्रेताओं को निर्देशित किया जाता है कि उक्त रसायनों की उपलब्धता बनाये रखें|