चकिया,चन्दौली। अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा तथा भाकपा( माले) के राज्य आह्वान पर स्थानीय कालीपोखरे से खंड विकास अधिकारी चकिया कार्यालय तक मार्च कर संगठन के कार्यकर्ताओं ने भाकपा( माले) जिला सचिव कामरेड अनिल पासवान के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को संबोधित 6 सूत्रीय ज्ञापन खंड विकास अधिकारी को सौंपा। सभा को संबोधित करते हुए भाकपा( माले) जिला सचिव ने कहा कि कोरोना महामारी ने प्रदेश में लाखों लोगों को असमय ही हमसे छीन लिया है। लाखों लोग जान बचाने के लिए लाखों रुपए कर्ज में फंस गए हैं और आबादी का दो तिहाई से अधिक लोगों की जीविका खत्म हो गई है। ऊपर से खाद्य तेल सामग्री सहित डीजल पेट्रोल की बढ़ती कीमतों ने ग्रामीण खेत मजदूरो गरीब किसानों दैनिक श्रमिकों सहित 70ः लोगों को भुखमरी के कगार पर ला दिया है। झमाझम बारिश के बीच कोई रोजगार व्यवसाय नहीं रह गया है। सरकार द्वारा दी जा रही राहत बहुत ही ना काफी है। यह भी स्पष्ट है कि ग्रामीण क्षेत्रों में यदि स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त रही होती तो लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती थी। निश्चित तौर पर अब सरकार और जागरूक जनता की प्राथमिकता स्वास्थ्य व्यवस्था रोजगार महंगाई से निजात शिक्षा और पुलिस द्वारा अनावश्यक आम लोगों की आवाज दबा देने की कोशिश पर रोक लगानी चाहिए।भाकपा ( माले) जिला सचिव ने मांग करते हुए कहा कि ब्लाक के सभी गांव में कोरोना महामारी काल में हुई सभी मृत्यु को कोरोना मृत्यु मानते हुए परिजनों को 10 लॉख रुपए आर्थिक सहायता दिया जाए।ब्लॉक के सभी पीएचसी सीएचसी अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड आईसीयू वेंटीलेटर पैरामेडिकल स्टाफ व चिकित्सकों की गारंटी किया जाए। पोलियो की भांति गांव.गांव में फ्री टीकाकरण किया जाए,मनरेगा मजदूरों सहित सभी ग्रामीण गरीबों को तत्काल 10000 तीन माह तक भक्ता दिया जाए तथा इनको रोजगार दिया जाए।ग्रामीण गरीबों के बच्चों की स्कूली शिक्षा कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए प्रारंभ किया जाए तथा प्रत्येक बच्चों को स्मार्टफोन दिया जाए।आम लोगों,सामाजिक राजनीतिक मानवाधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा कोरोन प्रोटोकॉल का पालन करते हुए किए जाने वाले कार्यक्रम में पुलिस द्वारा अनावश्यक हस्तक्षेप नजरबंदी गिरफ्तारी जैसे कार्यवाही पर तत्काल रोक लगाई जाए।
खेग्रामस जिला उपाध्यक्ष कामरेड विजई राम ने कहा कि 6 महीने बीत गए गढ़वा ताजपुर में आंदोलनकारी नेताओं के साथ खंड विकास अधिकारी कार्यालय में बैठकर मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में बैठक हुई जिसमें सभी छह सवालों को 1 महीने के अंदर पूरा करने के लिखित आश्वासन के बाद तत्कालीन उप जिलाधिकारी और पुलिस क्षेत्राधिकारी ने जाकर भूख हड़ताल तोड़वाया था, किंतु 6महीने का समय बीत गया किसी भी मांग पर कोई कार्यवाही होती नहीं दिख रही है। जो लोकतांत्रिक आंदोलनों को समाप्त कराने के अधिकारी गणों के धोखाधड़ी को दिखाता है।अगर 30 जून तक गढ़वा आंदोलन के सवालों को हल नहीं किया गया तो हम 1 जुलाई से पुनआंदोलन के लिए बाध्य होंगे। मार्च तथा सभा में इंकलाबी नौजवान सभा जिला सहसंयोजक रमेश चौहान, अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन की राज्य काउंसिल सदस्य मंजू बियार, लल्लन देवी, शिव चौहान, सुरेश चौहान, प्रेमा,विक्रम चौहान,बिहारी, गिरजा चौहान सहित दर्जनों कार्यकर्ता शामिल रहे।