ऊंचाहार,रायबरेली। विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे गांव से लेकर शहर तक की कमियां उजागर हो रही विकास के दावे करने वालों के सामने ही अधूरे विकास और भ्रष्टाचार की पोल खुल रही है।बताते चलें कि रोहनियां और ऊंचाहार ब्लाक में जिस धनराशि से पक्की नाली,खडंजा आदि का काम होना था। वह धनराशि जिले के दूसरे ब्लाकों में चली गई है। ऐसा इसलिए हुआ है, क्योंकि ऊंचाहार और रोहनियां दोनों ब्लाक की जिम्मेदारी निभा रहे। खंड विकास अधिकारी ने दो साल से मनरेगा में पक्के काम की वित्तीय स्वीकृत ही नहीं दी है ।मनरेगा के द्वारा गांव के लोगो को न सिर्फ जीविका के लिए रोजगार देना है। अपितु मनरेगा से गांव का विकास भी होना है, किन्तु ऊंचाहार और रोहनिया विकास खंड में बीते दो वर्ष से मनरेगा के द्वारा केवल रोजगार ही दिया जा रहा है। सरकार द्वारा मनरेगा को लेकर जारी दिशा निर्देश के मुताबिक मनरेगा द्वारा ग्राम पंचायतों में साठ फीसदी कच्चा काम और चालीस फीसदी पक्का काम कराया जाता है। लेकिन ऊंचाहार और रोहनियां ब्लाक की कुल करीब 80 ग्राम पंचायतों में दो वर्ष के दौरान केवल कच्चा काम ही हुआ है। हर गांव से पक्के काम के लिए स्टीमेट की फाइल वित्तीय अनुमोदन के लिए खंड विकास अधिकारी के कार्यालय में डंप है किन्तु उनकी वित्तीय स्वीकृत नहीं मिल पा रही है। जिससे किसी भी ग्राम पंचायत में काम नहीं हो पाया है। जिसका असर यह हुआ है कि राज्य वित्त की धनराशि से आवश्यक काम हो रहे है और राज्य वित्त की राशि से जो अन्य विकास कार्य होने थे। सब लंबित पड़े हुए है। वित्तीय वर्ष 2020.21 में दोनों विकास खंडो में मनरेगा के द्वारा जो कच्चे कार्य हुए है। उसके अनुपात में दोनों ब्लाकों में करीब छह करोड़ रुपए का पक्का कार्य होना था। लेकिन वित्तीय स्वीकृत न मिल पाने के कारण यह कार्य नहीं हो पाए है। परिणाम स्वरूप वित्तीय वर्ष में जिले स्तर पर इसका समायोजन अन्य ब्लाकों में कर दिया गया है। जिससे ऊंचाहार व रोहनियां ब्लाक में जो धनराशि लगनी थी। वह अन्य ब्लाकों में लगा दी गई है यही हाल चालू वित्तीय वर्ष का भी है ।क्षेत्र के पट्टी रहस कैथवल गांव के प्रधान प्रतिनिधि अनुज उपाध्याय ने इस मामले में शासन को कई बार पत्र लिखा है । किन्तु जिम्मेदार इस विसंगति की ओर ध्यान नहीं दे रहे है।खंड विकास अधिकारी विजयेन्द्र सिंह का कहना है कि उनके कार्यकाल से पहले मनरेगा में अधिक पक्का काम हो चुका था इसलिए उस पर अंकुश लगाया गया है ।
Home » मुख्य समाचार » वित्तीय स्वीकृति के अभाव में दो ब्लॉक की 80 ग्राम पंचायतों का विकास कार्य अधूरा