नई दिल्ली। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के. विजय राघवन ने बक्सर नगर पालिका, बिहार में एक विकेन्द्रीकृत जैव चिकित्सा अपशिष्ट भट्टी का वर्चुअल उद्घाटन किया। गणेश इंजीनियरिंग वर्क्स द्वारा विकसित इस तकनीक का चयन जून 2020 में वेस्ट टू वेल्थ मिशन द्वारा शुरू किए गए बायोमेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट इनोवेशन चैलेंज के माध्यम से किया गया था। यह मिशन प्रधान मंत्री विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद (पीएम-एसटीआईएसी) के नौ वैज्ञानिक मिशनों में से एक है और इसका नेतृत्व भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय द्वारा किया जाता है।
बक्सर में पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर स्थापित भट्टी एक पोर्टेबल मशीन है जो कपास, प्लास्टिक या इसी तरह की सामग्री के 50 किलो जैव अपशिष्ट को वेस्ट हीट रीकवरी के जरिये प्रबंधन करने में सक्षम है। इस इकाई को स्थापित करने के लिए सिर्फ दो वर्ग मीटर क्षेत्र की आवश्यकता होती है और कचरे के प्रारंभिक प्रज्वलन के लिए केवल 0.6 केडब्ल्यूएच बिजली की आवश्यकता होती है। यह स्वत: बिजली बंद करने के विकल्प के साथ आती है।
विभिन्न स्थानों जैसे डिस्टिल्ड वाटर, भाप, गर्म पानी, गैस जलने आदि पर पायलट के दौरान विभिन्न प्रकार के अपशिष्ट और उत्पादों का परीक्षण किया जाएगा। आवासीय या सार्वजनिक स्थानों पर प्रौद्योगिकी के सर्वोत्तम उपयोग के लिए प्रयास किए जाएंगे ताकि हवा में धुआं बिल्कुल न फैले, चिमनी का उपयोग, कॉम्पैक्ट सिस्टम, प्लाज्मा (स्पार्क) जलाना, वेस्ट हीट रीकवरी आदि सुनिश्चित किया जा सके।
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के. विजय राघवन ने बक्सर जिला प्रशासन, बक्सर नगर परिषद और वेस्ट टू वेल्थ मिशन द्वारा बक्सर नगर पालिका, बिहार में विकेन्द्रीकृत विकेन्द्रीकृत जैव चिकित्सा अपशिष्ट भट्टी के वर्चुअल उद्घाटन के दौरान उपस्थित लोगों को संबोधित किया।
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