हाथरस। खाद्य तेलों की बिक्री परंपरागत तरीके से किए जाने के संबंध में जिलाधिकारी रमेश रंजन ने आज कलेक्ट्रेट सभागार में खाद्य तेल कारोबारियों के साथ बैठक करते हुए शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों का अनुपालन शत-प्रतिशत सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने व्यापारियों के साथ विचार विमर्श किया। उन्होंने उनके विचारों को सुना तथा स्पष्ट रूप से खुले तेल की बिक्री पर शत-प्रतिशत रोक लागाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनपद वासियों का स्वास्थ्य हमारी पहली प्राथमिकता है। जनपद वासियों के स्वास्थ्य से किसी को खिलवाड़ नहीं करने दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि पैकिंग करने वालों को प्रोत्साहन देने तथा अधिक से अधिक संख्या में पैकिंग का कार्य किये जाने हेतु खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग से सम्पर्क कर सहयोग प्राप्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खुले तेल की बिक्री करने वाले ट्रेडर्स को चिन्हित कर उनको पैकिंग का कार्य करने हेतु प्रोत्साहित किया जाये। जिससे खुले तेल की बिक्री पर पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध लगाया जा सके।अभिहित अधिकारी देवाशीष उपाध्याय ने बताया कि जनपद में परम्परागत रूप में सरसों के तेल एवं अन्य खाद्य तेलों की खुले एवं लूज रूप में (अनपैक्ड एवं अनलेबिल्ड) बिकी प्रचलन है। खुले एवं लूज तेलों में मिलावट की संभावना सर्वाधिक होती है। मिलावट निर्माता, सप्लायर, थोक विक्रेता अथवा फुटकर विक्रेता में से किसके स्तर पर की गयी है, इसका निर्धारण कठिन होता है। जिसके सम्बन्ध में आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन लखनऊ द्वारा 22 जून को उ.प्र. में खुले खाद्य तेल की बिक्री पर कड़ाई से रोक लगाने का निर्देश दिया गया है।बैठक के दौरान अपर जिलाधिकारी जे.पी. सिंह, हरीन्द्र सिंह, के.एल. वर्मा, सुरेश कुमार, राकेश कुमार, अनिल वार्ष्णेय, कन्हैया वार्ष्णेय, राकेश सेकसरिया, जीतेश लोहिया, रूपेश गुप्ता, गौतम सिंह, विपिन अग्रवाल, सागर गुप्ता, प्रदीप गोयल, ललित वार्ष्णेय, मदन मोहन अपना वाले, अनुभव अग्रवाल, जगदीश पंकज, तरूण पंकज, विष्णु गौतम, पदम अग्रवाल एवं तेल के व्यापारी आदि उपस्थित थे।