Sunday, November 17, 2024
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सर्व शिक्षा अभियान को लग रहा पलीता, सरकारी किताबें पहुंची कबाड़ी की दुकान

हमीरपुर। जिले में एक विद्यालय में सर्व शिक्षा अभियान के तहत बच्चों को नि:शुल्क बंटने आई किताबें हेडमास्टर ने कबाड़ी को बेच डाली। इस मामले की जानकारी होते ही ग्रामीणों ने हंगामा किया। शिकायत पर ए.बीएसए ने मामले की जांच भी शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में सरकारी कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय में बच्चों को नि:शुल्क बंटने आई पुस्तकें कबाड़ी को बेचे जाने का मामला सामने आया है। मामले की भनक लगते ही ग्रामीणों की भीड़ ने स्कूल में हंगामा किया, जिससे कबाड़ी उल्टे पांव भाग गया। सूचना पाते ही एबीएसए मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश सरकार बेसिक शिक्षा व्यवस्था पर बहुत बड़ा फंड खर्च करती है लेकिन फर्जी छात्र संख्या दिखाकर किताबें, जूते, ड्रेस और अन्य सामग्री मंगवाने के बाद स्कूल के शिक्षक कबाड़ी के यहां ठिकाने लगा देते हैं। ऐसा ही मामला हमीरपुर जिले के मुस्करा क्षेत्र के इमिलिया गांव स्थित कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय में गुरुवार को सामने आया है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत बच्चों के लिए नि:शुल्क बंटने आई एक बोरा पुस्तकें हेडमास्टर ने कबाड़ी को बेच डाली। इसी बीच गांव वाले मौके पर पहुंचे गए और हंगामा शुरू कर दिया। गांव के कुछ युवकों ने वीडियो बनाकर मामले की शिकायत ए.बीएसए (खंड शिक्षाधिकारी) से की। सूचना पाते ही एबीएसए मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू कर दी है। मुस्करा निवासी कबाड़ी अनिल ने बताया कि कबाड़ खरीदने के लिए फेरी लगाने इमिलिया गांव गए तो वहां स्कूल के हेडमास्टर जयचन्द्र ने उन्हें बुलवाकर पांच रुपए किलो के हिसाब से किताबें बेची। यह किताबें गिनती में सौ से अधिक है। हेडमास्टर को पूरे पैसे भी दे दिए गए है। उन्होंने बताया कि सारी किताबें मुस्करा में एक थोक कबाड़ी की दुकान में लाकर बेच डाली गई है। सभी किताबें साल 2020-21 की थी। इस मामले को लेकर एबीएसए समर सिंह ने बताया कि प्रकरण की जांच की जा रही है। उच्चाधिकारियों को भी मामले की जानकारी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि छात्र संख्या के आधार पर पुस्तकें दी जाती हैं फिर इतनी संख्या में पुस्तकें कैसे बच गईं? मामला बड़ा है जिसकी गहराई से जांच की जा रही है। विद्यालय में दो अनुदेशकों की तैनाती है। इनमें प्रियंका आर्य 16 अगस्त से लगाकर अनुपस्थित है। वहीं प्रियंका यादव भी आज स्कूल से नदारद मिली। इस मामले में बीएसए सतीश कुमार ने बताया कि मामले की जांच पूरी होते ही सम्बन्धित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पांच सालों में वितरित हुई पुस्तकें और अन्य सामग्री की जांच की मांग

गांव के शैलेन्द्र यादव और सुदर्शन यादव समेत अन्य ग्रामीणों ने शिकायत कर इस स्कूल में पिछले पांच सालों के अंदर बांटी गई पुस्तकों और अन्य सामग्री की जांच डोर टू डोर कराए जाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि इस स्कूल में बच्चों के नाम पर आने वाली सामग्री भी ठिकाने लगाई गई है जिसका खुलासा जांच में ही हो सकता है।