Friday, May 17, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » बाढ़ की विभीषिका से जूझते लोगों की उम्मीद बने जितेंद्र

बाढ़ की विभीषिका से जूझते लोगों की उम्मीद बने जितेंद्र

गोरखपुर के चिल्लुपार-बड़हलगंज इलाके के दीयारा व कछार के दर्जनों गांवों में बांट रहे समाजवादी बाढ़ राहत सामग्री
गोरखपुर (यूपी)। समाज उन्हे याद रखता है जो समाज को कुछ देने का जज्बा रखते हैं। चिल्लूपार विधानसभा के बड़हलगंज इलाके में बाढ़ की विभिषिका हो या जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आना हो जिला पंचायत सदस्य जितेन्द्र यादव हर जगह लोगों के बीच मौजूद रहते हैं। राजनीति को सेवा का बेहतर माध्यम माना जाता है। इसके जरिये जन सरोकार के मुद्दों पर राजनेता पूरी शिद्दत से संघर्ष करते हैं। बदलते परिवेश में राजनीती के मूल्यों में गिरावट आयी है बावजूद इसके कुछ लोग अब भी राजनीती को सेवा का बेहतर माध्यम मान कर आम जन के दुःख व पीड़ा को कम करने में लगे हुए हैं। इसी कड़ी में एक नाम है जिला पंचायत सदस्य जितेन्द्र यादव का। गोरखपुर जनपद के चिल्लूपार-बड़हलगंज इलाके की सबसे बड़ी समस्या हर साल आने वाली बाढ़ है। बारिश के जमाने में बाढ़ की वजह से भारी संख्या में लोग प्रभावित होते हैं। इस दौरान इनको रोजमर्रा की जरूरतों के लिए भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में स्थानीय गरीब-असहाय लोगों जरूरत होती है इस मुश्किल वक्त में एक मददगार मोहसिन की, जो विपत्ति के समय उनके काम आये। बाढ़ की विभिषिका में जब लोग सैलाब से जान बचाने के लिए दरबदर हो रहे थे, ऐसे में समाजवदी सिपही जितेन्द्र यादव अपनी टीम के साथ नाव के जरिये बाढ़ में फंसे लोगों की मदद के लिए दिन रात एक किए हुए थे। कभी नाव से तो कभी गरदन भर पानी में सिर पर राशन का बैग उठाये मुश्किल में फंसे लोगों के लिए ईश दूत बनकर जितेन्द्र यादव पहुंच रहे। पिछले साल भी जितेन्द्र बाढ़ पीडि़तों के मदद के लिए काफी काम किया था, जिसकी सराहना सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने की थी।
जितेन्द्र यादव अपने शैक्षणिक जीवन से ही राजनीति को समाजसेवा का जरिया बना कर लोगों के कुम्हलाये चेहरों पर मुस्कान बिखेरने में लगे हुए है। वो बताते हैं ‘‘ मैं हर रोज क्षेत्र में भ्रमण कर लोगों के बीच मौजूद रहता हूं और जितना भी मुम्किन होता है लोगों की मद्द करता रहता हूं क्योंकि राजनीति तो सब करते हैं मैं लोगों का दुःख-दर्द बांटने राजनीती में आा हूं।’’ जितेन्द्र का समाजी सियासी सफर की शुरूवात सन 2005 हुआ। वो सन 2006 में नेशनल पीजी कालेज बढ़हलगंज में छात्र अध्यक्ष का चुनाव जीतने के बाद छात्रों के मुददों से संघर्ष का सफर जो चालू किया, वो अब आम जन के हक-हकूक के संघर्ष में तब्दील हो गया है। उच्च शिक्षा तो बहुत लोग हासिल करते हैं मगर इसके बाद जनसेवा के क्षेत्र में निःस्वार्थ लगे रहना बहुत कम लोगों के बस की बात है। जितेन्द्र ने समाजसेवा के लिए राजनीति को माध्यम चुना वो भी समाजवादी। जितेन्द्र बताते हैं कि समाजवाद समाज में बराबरी और न्याय का प्रतीक है।
वर्तमान राजनीति दौर में जब नेता चमक-दमक से लोगों में पहचान बनाते हैं, इससे बिल्कुल उलट जितेन्द्र ने सेवा भाव का अलख जगा कर लोगों के दिलों में जगह बनाने का काम किया है। बाढ़ के हाहाकार में इन्होने हजारों लोगों की मदद कर रहे हैं। गोरखपुर के बढहलगंज क्षेत्र में सरयू व राप्ती नदी के बाढ़ से काफी लोग प्रभावित हुए हैं। कछार व दीयारा के गोनहा, बल्थर, बीहुआ, कोटिया निरंजन, बगहा दीयारा, मूसाडी, कोल खास, रामगनर, ज्ञानकोल, जगदीशपुर, लखनौरी, कोटिया दीपसा, गोनघाट, सूबेदारनगर माझा, मैभरा सहित अनेक गांवों में जितेन्द्र यादव दिन रात का फर्क मिटाकर पानी में चल कर लोगों के घरों तक पहुंच रहे और उन्हे राशन सहित जरूरत के दूसरे सामान मुहैया करा रहे हैं। हजारों परिवारें तक समाजवदी बाढ़ राहत सामग्री, जिसमें आटा, चावल, आलू, प्याज, लहसून, नमक, माचिस सहित जरूरत के अन्य सामान हैं। अनवरत पन्द्रह दिन बाढ़ पीडि़तों के मदद का बीडा उठाये हुए हैं जितेन्द्र। संकट के समय लोगों के काम आना और उनके मायूश चेहरों पर हंसी बिखेरना इने जीवन का मकसद है। जितेन्द्र बताते हैं कि दूसरों को खुशी देने में बहुत सुकून मिलता है। मेरे जीवन का मकसद लोगों के जीवन में खुशहाली लाने का प्रयास है।