हाथरस । उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशन में माननीय जनपद न्यायाधीश श्रीमती मृदुला कुमार के आदेशानुसार कोविड-19 महामारी को देखते हुये जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस के तत्वावधान में राजकीय महिला शरणालय, मथुरा में ऑनलाइन वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से अन्तराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर एक विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन श्रीमती चेतना सिंह, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस की अध्यक्षता में किया गया। सचिव द्वारा राजकीय महिला शरणालय, मथुरा में रह रही संवासिनियों को जानकारी देते हुये बताया कि आज दुनियाभर में विश्व साक्षरता दिवस मनाया जा रहा है। 1965 की बात है सितंबर माह में ईरान की राजधानी तेहरान में लगभग सभी देशों के शिक्षा मंत्री एकत्र हुए थे। इस सम्मेलन के दौरान साक्षरता के महत्व पर चर्चा की गई थी। जिसके बाद 1966 में संयुक्त राष्ट्र वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस घोषित कर दिया गया। अब लगभग दो वर्षों से दुनिया कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी से पीड़ित है। जिसकी वजह से शिक्षा और साक्षरता में बहुत सारी बाधाएं आईं जैसे लॉकडाउन की वजह से स्कूलों का बंद होना। इसके अलावा सीखने के तौर-तरीकों में भी कई बदलाव हुए। इसके अतिरिक्त उनके द्वारा महिलाओं अधिकार एवं साक्षरता दिवस के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी गयी।
इसके अतिरिक्त सचिव, ने शिविर में उपस्थित महिला संवासिनियों को जानकारी देते हुये बताया कि यदि उनके मुकदमें में उनकी पैरवी हेतु अधिवक्ता नही है तो वह एक प्रार्थना पत्र सम्बन्धित जिले के सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को अधीक्षिका के माध्यम से प्रार्थना पत्र देकर निःशुल्क अधिवक्ता प्राप्त कर सकती है और विधिक जानकारी हेतु प्रत्येक माह संरक्षण गृह का निरीक्षण किया जाता है। महिला संवासिनियों को उनके अनुकूल विधिक सेवाओं की जानकारी देते हुयेे कहा कि अपनी अथवा दूसरे की गलतियों को नहीं छिपाना चाहिए। उन्होने कहा कि किसी भी समस्या के लिये कोई भी व्यक्ति सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को आवेदन देकर विधिक सहायता प्राप्त कर सकता हैै।