हर दिन बारिश के साथ कड़क रही बिजली, आखिर क्यों.? दैवीय आपदा के शिकार हो रहे हैं लोग
रायबरेली, पवन कुमार गुप्ता। बारिश के दिनों में अक्सर आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं होती रहती हैं, इससे बचाव के लिए सावधानी बरतना जरूरी है। प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा वज्रपात, आकाशीय बिजली से बचने के लिए समय-समय पर नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील की जाती रही है। ऐसे में बड़ा सवाल है यह है कि क्षेत्र की एनटीपीसी परियोजना अपने विद्युत प्लांट की आकाशीय बिजली के गिरने से सुरक्षा बचाव के लिए परियोजना ने परिसर में जगह-जगह तड़ित चालक लगाए हैं। लेकिन क्या एनटीपीसी परियोजना के अंदर लगे तड़ित चालक आसपास के गांवों की भी आकाशीय बिजली से सुरक्षा कर पाएंगे। ग्रामीणों का मानना है कि परियोजना के अंदर लगे तड़ित चालक से परियोजना के कल-पुर्जे तो सुरक्षित रह जायेंगे लेकिन परियोजना के चारो ओर बसे गांवों पर वज्रपात का खतरा मंडराता रहेगा।
मालूम हो कि अभी हाल ही के कुछ महीने में जनपद के अंदर आकाशीय बिजली की कई घटनाएं हुई हैं जिसमें आकाशीय बिजली गिरने से कई लोग गंभीर रूप से झुलसे हैं और कई लोग मृतक भी घोषित हुए हैं हालांकि स्थानीय प्रशासन और कुछ समाजसेवी ने घायलों, मृतकों के आश्रितों को सहयोग राशि भी दी है। लेकिन इस बीच पुनः बदलते मौसम के साथ आए दिन घनघोर बारिश हो रही है और उसके साथ ही बिजली की तेज गर्जना भी मानो सब कुछ तहस नहस करने को उतावली है।बतातें चलें कि पिछले महीने बिजली गिरने की घटना में बूढ़े, बच्चे, महिलाएं भी वज्रपात के शिकार हुए हैं।
NDMA की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर साल बिजली गिरने से औसत 2500 लोगों की मौत होती है। सबसे ज्यादा बिजली गिरने की घटनाएं झारखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड आदि में देखी गई हैं।
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी और मध्य भारत में बिजली गिरने का प्रकोप अधिक है। विभाग ने 12 ऐसे राज्यों की पहचान की है जहां सबसे अधिक आकाशीय बिजली गिरती है जिनमें मध्य प्रदेश पहले नंबर पर और फिर महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश इत्यादि।
इसकी रोकथाम के लिए तड़ित चालक कारगर साबित होता है लेकिन नगर के किसी भी सरकारी भवनों पर सुरक्षा यंत्र नहीं लगे हैं। वहीं प्रशासन भी इसको लेकर गंभीर नहीं दिखाई दे रहा है।
वैज्ञानिक और उसके एक्सपर्ट ने इससे बचाव के लिए बताया है कि अगर कोई बिजली गिरने से घायल हुआ है तो उसे तुरंत सीपीआर देना चाहिए, कृत्रिम सांस देना चाहिए, कोशिश करनी चाहिए कि उसे तत्काल प्राथमिक इलाज मिले और नजदीकी अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया जाए। ध्यान रखने योग्य बात यह है कि बिजली हमेशा धरती पर मौजूद सबसे ऊंची वस्तु से टकराती है इसलिए कभी भी ऐसे मौसम में ऊंची इमारत, पेड़ या खंभे के नीचे न खड़े हों और साथ ही बिजली से संचालित उपकरणों से दूर रहें।ध्यान रखिए आपके शरीर का जितना कम हिस्सा जमीन के संपर्क में रहेगा, आपके बचने के चांस उतने ही ज्यादा रहेंगे।