Wednesday, April 2, 2025
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सामाजिक उत्थान के लिए उठाए जा रहे कदमों में सहयोग जरूरी

ऊंचाहार/ रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता । क्षेत्र के निरंजनपुर गांव में नवरात्रि के अवसर पर अष्टमी के दिन बरसों पुरानी परंपरा के अनुसार गांव के बीच में बड़ा मेला आज भी लगता है।पुरानी बात है जब इस मेले में आसपास के कई गांवों के लोग आते थे।मेले में जाने के लिए बच्चों को बड़ों से जेबखर्ची मिलती थी।एक दौर था जब दूर-दूर तक मशहूर निरंजनपुर गांव का मेला धीरे-धीरे खत्म होता चला गया।इसी तरह से गांव के अंदर समाज के बीच सभी के मन में विसंगतियां पैदा होने लगी।एक दौर था जब इस गांव के मेले के आयोजन के लिए लोग बिना कहे कमेटी को तन-मन-धन से सहयोग देते थे और गांव के इस मेले को आकर्षण बनाने के भागीदार होते थे। परंतु समय के साथ परिवर्तन होता गया और लगभग कई वर्षों बाद इस नवरात्रि में अष्टमी के दिन गांव के मेले का आयोजन बेहतर ढंग से हुआ और रात्रि में नाट्य रूपांतरण भी हुआ जो कि दूर-दराज से आए हुए लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा।गांव के इस उत्थान में सभी ग्रामवासी और सामाजिक लोगों का तन-मन-धन से सहयोग था और इसी बल से आयोजन को बेहतर बनाया गया।ग्राम सभा में धार्मिक कार्यक्रम के क्रम में महानवमी को खुर्रमपुर ग्रामसभा में भगवान महादेव के दरबार के नजदीक सजे दुर्गा पूजा पंडाल में सभी ग्रामवासियों ने सम्पूर्ण समाज के कल्याण हेतु हवन पूजन किया तदोपरांत कन्या भोज का आयोजन किया गया और कन्या पूजन के बाद भारी संख्या में कन्याओं ने प्रसाद ग्रहण किया ।इस अवसर पर गांव के बड़े बुजुर्गों का कहना है कि अब गांवों का भी शहरीकरण हो गया है।आपस में पहले जैसा प्यार भी नहीं रहा और ना ही अब किसी के पास इतना समय रह गया है।फिर भी हम सभी का दायित्व है कि अपनी सांस्कृतिक धरोहर,परंपरा को बचाने एवं समाज के कल्याण के लिए इस तरह के आयोजन को मिलकर करते हैं।वहीं ग्राम प्रधान प्रतिनिधि एवं समाजसेवी विनय शुक्ला उर्फ बाबा भी ग्राम सभा के समस्त कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं और हर सम्भव अपना योगदान दें रहे हैं।