Sunday, November 17, 2024
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कार्तिक पूर्णिमा पर स्वर्ग से गंगा स्नान को आएंगे देवगण : आचार्य गौरव शास्त्री

सिकंदराराऊ।भारतीय परंपरा एवं सनातन धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है ।उसके साथ ही गंगा स्नान, दीपदान, यज्ञ और ईश्वर की उपासना का भी विशेष महत्व है। कार्तिक पूर्णिमा के विषय में जानकारी देते हुए वैदिक ज्योतिष संस्थान के सचिव आचार्य गौरव शास्त्री ने बताया कि शुक्रवार 19 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा मनायी जायेगी। आचार्य गौरव शास्त्री के अनुसार पूर्णिमा 19 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 29 मिनट तक रहेगी। इस दिन देवतागण स्वर्ग से धरती पर आते हैं और गंगा में स्नान करते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के महत्व को समझाते हुए गौरव शास्त्री ने कहा कि सभी पूर्णिमाओं में कार्तिक पूर्णिमा को सबसे पवित्र माना जाता है। इस दिन ब्रह्मा, विष्णु और शिव तीनों की आराधना की जाती है। साथ ही इस दिन किये गए दान-पुण्य के कार्य विशेष फलदायी होते हैं।कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करने एवं दीपदान के साथ भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही कार्तिक पूर्णिमा के दिन गाय, हाथी, घोड़ा, रथ और घी का दान करने से संपत्ति बढ़ती है, भेड़ का दान करने से ग्रहयोग के कष्ट दूर होते हैं।