Sunday, November 17, 2024
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रानी लक्ष्मीबाई की जयंती बलिदान दिवस के रूप में मनाई

सिकन्दराराऊ । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने सीपीएस गर्ल्स इंटर कॉलेज में रानी लक्ष्मीबाई की जयंती को बलिदान दिवस के रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाया।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही प्रधानाचार्या शालिनी गर्ग ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई एक ऐसी योध्दा थी, जिन्होंने सबसे पहले स्वतंत्रता संग्राम का बिगुल बजाया था और यह साबित किया की अंग्रेजो से लोहा लेने के लिए एक महिला ही काफी है और हर लड़की को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। ताकि समाज में फैल रही बुराईयों और कुरूतियों को समाप्त किया जा सकें। प्रबन्धक कृष्ण कुमार राघव ने कहा कि झांसी की रानी ऐसी महान वीरांगना थी जिन्होंने भारतीय वसुंधरा को गौरवान्वित करने वाली 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की प्रथम वीरांगना लक्ष्मीबाई लड़ते-लड़ते 29 वर्ष की आयु में अपने प्राणों को न्योछावर कर वीर गति को प्राप्त हो गई। लेकिन जीते-जी अंग्रेजों को झांसी पर कब्जा नही करने दिया आइए हम ऐसे साहसी जीवन से प्रेरणा लें। मुख्य वक्ता अखिल वार्ष्णेय ने रानी लक्ष्मीबाई की जीवन व्यथा कविता के माध्यम से कहा बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी…। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को यादकर आज भी शिराओं में रक्त दौड़ जाता है। भुजाएं फड़क उठती हैं और स्वर ओज से भर जाता है। यह वही वीरांगना हैं, जिन्हें बिठूर में मनु के नाम से जाना गया और बिठूर के पेशवा बाजीराव द्वितीय उन्हें ‘छबीली’ कहा करते थे।
कार्यक्रम में देव वार्ष्णेय , संदीप शर्मा , पीयूष शर्मा , आशीष, शांतम, आकाश, माधुरी शर्मा , श्रेया गोस्वामी , समस्त अध्यापक गण , कॉलेज छात्राएं उपस्थित रही ।