ऊंचाहार/रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता। एनटीपीसी परियोजना को बिजली बनाने के लिए कोयला, पानी की आवश्यकता होती है।जो शारदा सहायक व डलमऊ पंप कैनाल नहर से मंगाया जाता है। बीते 2 दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण नदी,नहर के पानी का का जलस्तर बढ़ गया है।नहर की पटरी की मरम्मत ना होने से पूरे महावीर गांव के पास नहर की पटरी में खांधी हो गई। जिसके चलते तीन गांवों के किसानों की सैकड़ों बीघे फसल जलमग्न हो गई है। ग्रामीणों ने नहर विभाग से लेकर एसडीएम तक से पटरी की भराई की गुहार लगाई है।विद्युत उत्पादन के लिए कोयले के साथ पानी की भी आवश्यकता होती है। जिसके लिए परियोजना प्रबंधन डलमऊ पंप कैनाल से पानी मंगाता है। शुक्रवार की रात पूरे महावीर गांव के पास नहर की बाईं पटरी में खांधी हो गई और पानी की धारा के बीच धीरे-धीरे पटरी में कटान हो गई।जिसके चलते गोपालपुर उधवन, छतौना मरियानी, हटवा आदि गांवों के दर्जनों किसानों की गेहूं, सरसों चना आदि की फसलें जलमग्न हो गई। किसान ओम प्रकाश ओझा, अखिलेश कुमार, बाबूलाल, मनोज कुमार, रामकुमार, रमेश कुमार द्विवेदी आदि ने बताया कि कई सालों से नहर विभाग व परियोजना प्रबंधन द्वारा नहर की सफाई, पटरी भराई का कार्य नहीं कराया गया है।जिसके चलते नहर की पटरी में खांधी होकर पटरी की कटान हो गई है। सूचना नहर विभाग के अधिकारियों समेत उपजिलाधिकारी को दी गई लेकिन तीन दिन बीतने के बावजूद भी कोई भी अधिकारी झांकने तक नहीं आया। एसडीएम धीरज श्रीवास्तव ने बताया कि नहर विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। कर्मचारी भेजकर पटरी की भराई कराई जाएगी।