ऊंचाहार/रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता। एनटीपीसी ऊंचाहार में नैगम सामाजिक दायित्व के अंतर्गत दो दिवसीय कृषि प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका उद्धाटन परियोजना प्रमुख कमलेश सोनी ने किया। कार्यशाला में आस-पास के गांवों के लगभग 70 किसानों ने भाग लिया। जिसमें महिला किसानों की संख्या भी उत्साहजनक रही। इस कार्यशाला में कृषि विज्ञान केन्द्र, रायबरेली के वैज्ञानिक आर. के. कनौजिया ने जैविक खेती तथा वर्मीकल्चर के माध्यम से लाभकारी खेती करने के बारे में किसानों को विस्तार से जानकारी दी।कार्यशाला को संबोधित करते हुए परियोजना प्रमुख श्री सोनी ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण जलवायु परिवर्तन से परंपरागत खेती अब उतनी लाभकारी नहीं रही इसलिए जैविक खेती तथा वर्मीकल्चर के माध्यम से नए-नए प्रयोग करके खेती से अच्छा लाभ कमाया जा सकता है। इससे जहां स्वरोजगार के रास्ते खुलते हैं, वहीं आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए एनटीपीसी परियोजना के आस-पास के किसानों के लिए इस तरह का प्रशिक्षण आयोजित किया है।
मानव संसाधन विभाग की प्रमुख वंदना चतुर्वेदी ने महिला किसानों के द्वारा जैविक खेती में रुचि लेने तथा इस प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए सराहना की। वंदना चतुर्वेदी ने किसानों का आहवान किया कि वे प्रशिक्षण के उपरांत जैविक खेती अवश्य शुरू करें और समय-समय पर कृषि वैज्ञानिकों से मार्गदर्शन प्राप्त करें। एनटीपीसी सदैव ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन करके समय-समय पर किसानों का सहयोग करती रहेगी।
कार्यशाला के दौरान जैविक खेती करने व इससे लाभकारी उत्पाद हासिल करने वाले आदर्श जीवन फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के तीन किसानों ने अपने उत्पादों की प्रदर्शिनी लगाई तथा प्रशिक्षु किसानों को व्यावहारिक रूप से इसकी पैदावार करने व इससे लाभ लेने के तरीकों को बताया। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह तथा पौधों का वितरण किया गया। इस अवसर उप महाप्रबंधक (मानव संसाधन) भोलेन्द्र गुप्त, सरस्वती विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य बी. के. सिंह, प्रबंधक (सीएसआर) स्नेहा त्रिपाठी, जी. पी. यादव और श्वेता कुमारी आदि उपस्थित रहे।