Wednesday, May 15, 2024
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क्या मतदाताओं के बीच बाहरी प्रत्याशी बना पाएगा मजबूत पकड़

विधानसभा ऊंचाहार में कहीं खुशी कहीं गम कोई हुआ मजबूत तो किसी की पकड़ हुई कम

ऊंचाहार/रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में ऊंचाहार विधानसभा(183) की सीट पर जहाँ भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने अमर पाल मौर्य को प्रत्याशी घोषित किया है। वही बहुजन समाज पार्टी ने अंजली मौर्या को प्रत्याशी घोषित किया है।जबकि समाजवादी पार्टी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं विधायक डॉ मनोज कुमार पाण्डेय को उम्मीदवार बनाकर नामांकन कराया है। लेकिन अचानक अतुल सिंह जो कि भाजपा के दशकों पुराने और कद्दावर नेता थे। उन्हें कांग्रेस ने ऊंचाहार विधानसभा से उम्मीदवार घोषित कर क्षेत्र में सियासी हलचल पैदा कर दिया है। जबकि ऊंचाहार विधान सभा से भाजपा ने अमरपाल मौर्या को उम्मीदवार बनाया है। ऊंचाहार विधान सभा न तो इनकी कर्मभूमि है और न ही कोई जानता व पहचानता है। ऊंचाहार विधान सभा वासियों के बीच में कोई पैठ नहीं है। इस क्षेत्र के मतदाताओं के लिए वह अनजान है क्या आम जनता के बीच अमरपाल मौर्य अपनी मजबूत पकड़ बना पाएंगे। एक तरफ बाहरी प्रत्याशी को टिकट देने से स्थानीय नेताओं के अंदर कुंठा व्याप्त हो रही है। स्थानीय भाजपा नेताओं का मानना है कि जिन कार्यकर्ताओ ने लगातार कई वर्षों से पूरी लगन और निष्ठा से विधानसभा ऊंचाहार में भाजपा की राजनैतिक जमीन तैयार की है। टिकट के बंटवारे के समय उनकी उपेक्षा की उपेक्षा की गई है। भाजपा के तमाम नेता यह मानते हैं कि अमरपाल मौर्या को भाजपा पार्टी के प्रत्याशी घोषित होने के बाद तमाम जातीय मतदाताओं का रुझान अन्य पार्टियों की ओर बढ़ेगा। जब भाजपा पार्टी के नेता यह मानने को तैयार है कि अमरपाल मौर्या के प्रत्याशी बनाए जाने के बाद भाजपा के मतदाता अन्य पार्टियों की ओर अपना रुख करेंगे तो भाजपा पार्टी कैसे मजबूत होगी। यह आम जनता के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। तमाम कयासों के बाद भाजपा ने अपने प्रत्याशी का नाम खोल कर राजनैतिक गलियारे में हलचल मचा दी है लेकिन टिकट बंटवारे को लेकर भाजपा पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं में मायूसी छाई हुई है। वर्षों से भाजपा पार्टी के लिए जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले प्रत्याशियों को पार्टी हाईकमान द्वारा नजर अंदाज किया गया है। भाजपा पार्टी के निर्णय से क्षेत्र की जनता और समर्थक भी नाराज हैं। क्षेत्रीय नेता को मैदान में उतारने के बजाय पार्टी ने बाहरी प्रत्याशी को ऊंचाहार की जनता के बीच खड़ा कर दिया है। अब भाजपा के उम्मीदवार को ऊंचाहार विधानसभा में मतदाताओं के बीच जाकर अपनी पहचान बतानी होगी और अपनी पकड़ को मजबूत करने के लिए, क्योंकि घोषित प्रत्याशी को क्षेत्र की जनता ने अब तक देखा नहीं उनके लिए यह चेहरा नया है।