Tuesday, May 7, 2024
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नतीजा आने के बाद “भय और भौकाल” किसका होगा

रायबरेली ,पवन कुमार गुप्ता । अभिनेता अक्षय कुमार की आने वाली मूवी बच्चन पांडे के रिलीज हुए ट्रेलर में फिल्म अभिनेता के द्वारा जो डायलॉग बोला गया। उसने धमाल तो मचा दिया है लेकिन उत्तर प्रदेश की पुलिस ने फिल्म की एक्टिंग और डायलॉग की कापी करने वाले युवाओं और शरारती तत्वों को आगाह करते हुए यह भी कह दिया है कि “भय और भौकाल” तो सिर्फ कानून का ही होगा। जिसके बाद उसे उत्तर प्रदेश की पुलिस ने अपने ट्विटर अकाउंट पर भी सजाते हुए यह लिखा कि “भाई हो या गॉड फादर” ‘ भौकाल और भय’ तो सिर्फ कानून का ही चलेगा। उत्तर प्रदेश पुलिस ने बीते दिनों यह ट्रेंड चलाकर उन युवाओं तथा उन शरारती तत्वों को आगाह किया है जोकि फिल्में देखने के बाद अपने व्यवहारिक जीवन में भी उसके डायलॉग और एक्टिंग को उतारने लगते हैं। यूपी पुलिस का यह वीडियो काफी सराहा गया और लाखो लोगों ने इसे लाइक कमेंट और शेयर भी किया। यहां तक कि बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार ने भी यूपी पुलिस के इस ट्वीट को सराहा है। परंतु उत्तर प्रदेश में इस समय राजनीतिक माहौल गरम है और मतदान भी हो चुके हैं तब इस समय उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए चुनौती यह भी है कि वह अपने ही इस वीडियो पर और ट्विटर पर लिखे गए डायलॉग को कितनी वरीयता दे पाती है। चुनाव के दरमियान पार्टी और प्रत्याशियों के आपसी मतभेद के कारण कार्यकर्ताओं और मतदाताओं में जो भ्रांतियां उत्पन्न हुई हैं उसे सभी मतदाताओं ने अपने-अपने विधानसभा में पोलिंग बूथ पर मतदान करके तो मिटा दी है। परंतु इस राजनीति के चक्कर में कार्यकर्ताओं ने जो आपस में बैर भावना की है वह दिन प्रतिदिन दुश्मनी में बदलती जा रही है। यहां तक कि कुछ कट्टर समर्थक और कार्यकर्ताओं ने तो यहां तक मन बना लिया है कि यदि हमारी सरकार बनती है तो हम देख लेंगे। मतदान के पश्चात क्षेत्र की स्थिति का मूल्यांकन करने पर पता चलता है कि पार्टी प्रत्याशियों ने भी अपने समर्थक और कार्यकर्ताओं को इतना बल दिया है कि हमें चुनाव जीतना चाहिए और मतगणना यानी 10 मार्च के बाद हम सबकुछ देख लेंगे। ऐसे में सभी की नजर आज 10 मार्च को आने वाले चुनावी परिणाम पर बनी हुई है। पार्टियों के कट्टर समर्थक और कार्यकर्ता जीत की खुशी मनाने की अपेक्षा, एक दूसरे से बदला लेने को भी बड़े आतुर हो रहे हैं। सोशल मीडिया तो राजनीति का अखाड़ा बन गई है। जिसमें हर कोई पहलवानी करना चाहता है और अपनी जीत दर्ज करा रहा है।

वास्तविक परिणाम आने के बाद दुगनी हो जाएगी ताकत
पूरे उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 के सात चरणों में होने वाला मतदान संपन्न हो चुका है आज मतगणना हो रही है। चंद घंटों बाद जीतने वाले प्रत्याशियों की किस्मत चमक जाएगी और और हारने वाले फिर मेहनत करके अगले पंचवर्षीय जीतने का प्रयास करेंगे। इस बीच चुनाव प्रचार के दौरान देखा गया कि कहीं पर सत्ता पक्ष प्रचार के दरम्यान बयान बाजी में हावी था तो कहीं विपक्ष अपने कार्यकर्ताओं की बदौलत बयानबाजी में हावी था। मंच से दिए गए भाषणों में नेताओं की जुबान पर विकास के अहम मुद्दे तो कम रहे लेकिन गुंडाराज और भ्रष्टाचार पर नकेल कसने की बात जरूर करते रहे हैं। आक्रामक भाषणों पर भी चुनाव आयोग रोक नहीं लगा सका था और क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान जिसका जैसा मन हुआ वैसा बोला और अपनी छवि को मजबूती से जनता के बीच बनाए रखा। सत्ता पक्ष ने तो कहीं कहीं पर केंद्र की अपनी पूरी ताकत भी झोंक दी थी। इसके बावजूद चुनाव प्रचार थमते ही क्षेत्र के कई गांवों में पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा न जाने किसके इशारे पर दहशत फैलाने की भी भरपूर कोशिश की गई परंतु चुनाव आयोग और प्रशासन ने माहौल को गर्म ना होने दिया और हालातों को संभाला। जैसे तैसे मतदान भी संपन्न हुआ और आज अब चंद घंटों बाद मतगणना का परिणाम भी आ जाएगा लेकिन क्षेत्र में दहशत फैलाने के दौरान पार्टियों के कार्यकर्ताओं द्वारा जो चुनावी रंजिश उत्पन्न हुई उस समय मौके पर तो शांत हो गई लेकिन सरकार बनते ही कहीं इस चुनावी रंजिश का शिकार आम जनता न हो, इसके लिए प्रशासन को सजग रहना होगा। कानून व्यवस्था को मजबूत बनाए रखने के लिए, उन्हें सत्ता पक्ष के प्रभाव को निष्क्रिय करते हुए केवल कानून के प्रभाव को ही बनाए रखना होगा तभी आम जनता पार्टी और कार्यकर्ताओं के चुनावी संघर्ष की रंजिश से बची रहेगी। हम यह बात इसलिए भी कह रहे हैं की मतदान से पहले क्षेत्र में कुछ वीडियो ऐसे भी वायरल हुए जिनमें सत्ता पक्ष के प्रत्याशी द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों की भी लिस्ट बनाई गई और यह भी कहा गया के यदि प्रशासनिक अधिकारियों की विपक्ष के साथ संलिप्तता पाए जाने की हम जांच कराएंगे और कार्यवाही भी होगी। इसलिए मतगणना के पश्चात जो जीता वही अपने आप को सिकंदर साबित करने की कोशिश करेगा और हो ना हो जीतने वाले नेताओं की ताकत तो दोगुनी हो ही जाएगी, लेकिन उनके नजदीकी कार्यकर्ता और कट्टर समर्थक की ताकत उनसे भी कई गुना ज्यादा बढ़ जाएगी। यह सभी अपना भौकाल बनाने की कोशिश करेंगे और आम जनता भयभीत होगी। इसलिए प्रशासन को क्षेत्र के चप्पे-चप्पे पर नजर रखनी चाहिए और आम जनमानस को इस चुनावी रंजिश में होने वाले संघर्ष से बचाना चाहिए।
डीएम-एसपी के द्वारा की गई सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था
फिलहाल देखा जा रहा है कि क्षेत्र के हर चौराहे पर खुली होटल और गुटखा इत्यादि की दुकानें जीत की खुशी मनाने का बड़ा अड्डा हैं। ऐसे में खासकर प्रशासन को आज के दिन ऐसी दुकानों के खुलने पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए था। जहां पर जीत और हार की खुशी मनाने वालों का मजमा लग सकता है, हालांकि चप्पे-चप्पे पर प्रशासन की नजरें बनी हुई हैं। सोशल मीडिया पर भी जिला प्रशासन सक्रिय है, डीएम और एसपी के द्वारा पूरे जिले में सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था की गई है, केंद्र और राज्य की पुलिस फोर्स भी तैनात है स्थानीय प्रशासन भी तो चौकन्नी है, जिसे देखकर यह विश्वास होता है कि “भाई हो या गॉडफादर”  “भय और भौकाल” सिर्फ कानून का ही चलेगा। शरारती तत्वों को उनकी हरकत पर सजा देने के लिए भी प्रशासन तैयार है।