Sunday, September 22, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » स्वयं सेवकों ने पढ़ा पर्यावरण संरक्षण का पाठ

स्वयं सेवकों ने पढ़ा पर्यावरण संरक्षण का पाठ

हाथरस। सेठ फूलचन्द बागला महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों इकाईयों का सात दिवसीय शिविर के द्वितीय दिन ग्राम दयानतपुर शिविर स्थल पर महाविद्यालय के अनुशासन अधिकारी डा. चन्द्रशेखर रावल पहुॅचे। जिन्होंने स्वंय सेवकों को पर्यावरण के महत्व को बताया एवं स्वयंसेवकों को पर्यावरण के बारे में जानकारी दी एवं स्वयं सेवकों को शपथ दिलाई कि वह आज से पर्यावरण संरक्षण को लेकर आम नागरिकों को जागरूक करेंगे। अध्यात्म के बारे में बताया और कहा कि अध्यात्म किस प्रकार शिक्षा के नैतिक मूल्यों के विकास में सहायक है। उन्होंने बताया कि भारतीय संस्कृति पूर्व से ही पश्चिमी संस्कृति की तुलना में वैज्ञानिक रही। कई स्थानों पर आज भी हमारी भारतीय संस्कृति को अपना रहे हैं। जिसका साक्ष्य आज बृज वृन्दावन में देखने को मिलता है। जहॉं विदेशी बिहारी जी के मन्दिर में हमारी संस्कृति और परम्परा में देखने को मिल जाते हैं।
प्रथम इकाई के प्रभारी डा. एम.पी. सिंह ने बताया कि इस बदले परिवेश में पर्यावरण सरंक्षण अत्यन्त ही आवश्यक है। हम सब लोगों को पर्यावरण को सरंक्षित रखना चाहिए। अगर हम पर्यावरण पर ध्यान नहीं देंगे तो आने वाले समय में पृथ्वी पूरी तरह से पर्यावरण से दूषित हो जायेगी। जिसके फलस्वरूप हम लोगों को काफी प्रकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ेगा। जिसमें हाल में सबसे बड़ी आपदा कोविड़ जैसी महामारी रही है। द्वितीय कार्यक्रम अधिकारी डा. सन्तोष कुमार ने कहा कि पर्यावरण का हमारे वैदिक युग से ही जुड़ाव रहा है। जिस तरह से घर के आंगन में पूर्व में तुलसी, नीम का वृक्ष लगने से घर में विभिन्न घातक बीमारियॉं घर से दूर रहती हैं। आज वैज्ञानिक युग पुनः हमारी वैदिक युग के पर्यावरण संरक्षण नियमों को पुनः दोहराता नजर आ रहा है। जिसके क्रम में वैज्ञानिकों ने आज कोविड़ जैसी महामारी में घर-घर और विश्व के हर नागरिक से पर्यावरण बचाओ वृक्ष लगाओ ऑक्सीजन पाओ का संदेश दिया है और हमारी सरकार भी समय-समय पर पर्यावरण संरक्षरण जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से पर्यावरण बचाओ का सन्देश दे रही है।कार्यक्रम में स्वंय सेवकों में सुरेन्द्र, पूजा, वर्षा, निधि पाठक, चन्द्रप्रकाश, छाया, दिव्याशी, डौली पाठक, हर्ष, हेमलता, जैसमीन, जीतेश, करन, कृष्णा, निधि, निशा, निशान्त आदि का पर्यावरण सरंक्षरण के कार्यक्रम के अन्तर्गत ग्राम दयानतपुर में सड़क के सहारे लगे सभी वृक्षों में पानी लगाया एवं वहॉ साफ-सफाई में अपना सरहानिय योगदान दिया।