Sunday, September 22, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » सुख समृद्धि एवं रोग मुक्ति हेतु रहें सात्विक….

सुख समृद्धि एवं रोग मुक्ति हेतु रहें सात्विक….

सूर्य अर्घ्य व घी के दिये जलाकर करें नवसंवत्सर का स्वागत : स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज
सिकंदराराऊ। भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म के कलेंडर के अनुसार आज से नवसंवत 2079 प्रारम्भ हो रहा है। नल नाम के इस संवत्सर के राजा शनि एवं मंत्री गुरु रहेंगे एवं रेवती नक्षत्र के साथ तीन राजयोगों में नववर्ष प्रारंभ होगा। देवी दुर्गा की आराधना हेतु चैत्र नवरात्रि का आरंभ भी हो रहा है जो कि निरंतर 9 दिन तक मनाया जाएगा।वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज के अनुसार नवरात्रि तिथि में इस बार किसी भी तिथि का न तो क्षय हो रहा है और न ही बढ़ोत्तरी हो रही है। यानि पूरे 9 दिन तक अखंड नवरात्र सुख-समृद्धि देने वाली रहेगी। मंगल और राहु-केतु अपनी उच्च राशि में रहेंगे वहीं, शनि मकर राशि में रहेगा। नववर्ष के सूर्योदय की कुंडली में शनि-मंगल की युति से धन, भाग्य और लाभ का शुभ योग भी 22 मार्च 459 के बाद लगभग 1563 साल उपरांत देखने को मिल रहा है।
मां दुर्गा की पूजा हेतु नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना अथवा घटस्थापना करने का विधान है। जिसको लेकर स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज ने बताया कि आज प्रातः 6:10 मिनट से 08:29 मिनट तक घट स्थापना हेतु शुभ मुहूर्त रहेगा। कलश स्थापना मंदिर के उत्तर-पूर्व दिशा में करनी चाहिए और मां की चौकी लगा कर कलश को स्थापित करना चाहिए। सबसे पहले उस जगह को गंगाजल छिड़क कर पवित्र कर लें। फिर लकड़ी की चौकी पर लाल रंग से स्वास्तिक बनाकर कलश को स्थापित करने के बाद कलश में आम अथवा अशोक के पत्तों को सजाकर गंगाजल भर दें। साथ में एक सुपारी, कुछ सिक्के, दूर्वा, हल्दी की एक गांठ कलश में डालें,कलश के मुख पर एक नारियल लाल वस्त्र से लपेट कर चावल यानी अक्षत से अष्टदल बनाकर मां दुर्गा की प्रतिमा रखें इन्हें लाल या गुलाबी चुनरी ओढ़ा दें। कलश स्थापना के साथ देसी घी के अखंड दीपक की स्थापना भी करनी चाहिए।
स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज ने सभी देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि सनातन संस्कृति में नवसंवत्सर से ही नव वर्ष का प्रारंभ होता है जिसको बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया चाहिए। सनातन संस्कृति में एक दिन अथवा दो दिन नहीं बल्कि पूरे नौ दिन देवी की आराधना एवं आशीर्वाद के साथ नववर्ष को मनाया जाता है अतः सभी सनातन प्रेमियों को अपने सूर्य अर्घ्य देकर अपने घर पर कम से कम पांच दीपक प्रति व्यक्ति जलाकर एवं देवी दुर्गा के ध्वज पताका, बंधनबार घर पर लगाकर नववर्ष को मनाना चाहिए जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा साथ ही निरोग शरीर एवं शुख समृद्धि हेतु नवरात्रि में सात्विक रहना चाहिए।