Thursday, November 28, 2024
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पूर्व के अधिकारियों ने किया था खेल पर खेल,अब खुल रही पोल

ऊंचाहार बिजली घर जमीन प्रकरण: अधिकारियों के खेल का खामियाजा भुगतेंगे कब्जेदार,दुबारा होगी पैमाइस
रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता । ऊंचाहार बिजली घर की बेशकीमती जमीन पर कब्जा करके बनाए गए भवनों के मामले में बड़ा खुलासा होने के बाद अब अधिकारी एक बार फिर नए सिरे से भूमि की नाप करने जा रहे हैं। क्योंकि करीब सात साल पहले राजस्व अधिकारियों ने इस भूमि में बड़ा खेल किया है।ज्ञात हो कि ऊंचाहार नगर में राजमार्ग के किनारे स्थित विद्युत उपकेंद्र की करीब दो बीघा जमीन पर करीब दस साल पहले कब्जा करके उसमे डेढ़ दर्जन भवनों का निर्माण कर लिया गया था। मामले की पोल तब खुली जब बिजली विभाग में शिकायत हुई और बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता ने मामले में प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र लिखा। इस पत्र के बाद जब राजस्व टीम ने जमीन की नाप की तो न सिर्फ शिकायत सत्य पाई गई है, अपितु पूर्व में राजस्व अधिकारियों द्वारा किए गए खेल का भी खुलासा हुआ है ।

पूर्व में दे दी गई थी क्लीन चिट

ऊंचाहार बिजली घर की भूमि के मामले में करीब आठ साल पहले राजस्व टीम ने बिजली विभाग की उस भूमि की पैमाइस की थी , जिस पर क्रय विक्रय का खेल चल रहा था। उस समय लेखापाल और राजस्व निरीक्षक ने जो रिपोर्ट दी थी, उसमे कब्जेदारो को सही ठहराया गया था। उस समय कब्जेदारों के साथ मिलकर जो खेल हुआ था, अब वह राजस्व विभाग के गले की हड्डी बन गया है। क्योंकि अब जब वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में नाप हुई है तो सभी कब्जे अवैध पाए गए है। जिसके बारे में शासन को रिपोर्ट भेजी गई है

दुबारा नाप के साथ ही हो सकता है अंतिम निर्णय

राजस्व विभाग की आठ साल पहले की रिपोर्ट के कारण अब प्रशासनिक अधिकारी बिजली घर की भूमि के दुबारा नाप करेंगे। प्रशासनिक और राजस्व अधिकारी इस मामले में पूरी तरह संतुष्ट होना चाहते हैं कि कितनी जमीन पर अवैध कब्जा हुआ है। साथ ही पूर्व में पैमाइस करने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई भी होनी है , इसलिए मामले में हर दृष्टि से मुकम्मल और पुख्ता जानकारी संकलित की जाएगी ।
उपजिलाधिकारी राजेश कुमार का कहना है कि बिजली घर की भूमि की पैमाइस की प्रक्रिया लंबित है । मामले में अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी गई है । अभी अंतिम रिपोर्ट जानी शेष है ।