Friday, April 19, 2024
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युवा मान्यता प्राप्त पत्रकार व लेखक के निधन से डीएम व पत्रकारों ने व्यक्त की शोक संवेदनाएं

2017.06.27 08 ravijansaamna
करन सिंह परिहार की फाइल फोटो लेखक करन सिंह परिहार की पुस्तक दूर पथ का राही

एक वर्ष के भीतर ही करन सिंह परिहार उनकी पत्नी प्रभा सिंह व पिता पूर्व सैनिक रामनिवास सिंह परिहार के निधन से सभी आहत प्रियजन
विगत वर्ष करन सिंह ने दूर पथ का राही पुस्तक में सहलेखक की भूमिका निभाई थी
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जनपद के मान्यता प्राप्त पत्रकार, सदस्य मान्यता प्राप्त पत्रकार प्रेसक्लब व दूर पथ का राही पुस्तक के सहलेखक व समाजसेवी करन सिंह परिहार की बीमारी के कारण आज आकस्मिक निधन दिल्ली के अस्पताल में हो गया। श्री करन सिंह परिहार के दुखद मृत्यु पर जिला सूचना कार्यालय स्टाफ व पत्रकारो द्वारा एक शोकसभा का आयोजन किया गया। दो मिनट का मौन रखकर मृतक की आत्मा की शांति की प्रार्थना की गयी। शोक सभा मे शोक संतृप्त परिजनो के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की गयी। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक दिनेश पाल सिंह, मुख्य विकास अधिकारी केदारनाथ सिंह, एडीएम प्रशासन शिवशंकर गुप्ता, एडीएम एफआर विद्याशंकर सिंह, सीएमओ डा. केके श्रीवास्तव, सहायक निदेशक सूचना प्रमोद कुमार, मान्यता  प्राप्त पत्रकार प्रेस क्लब अध्यक्ष पत्रकार जय मिश्रा, हनुमान गुप्ता, सदस्य व पदाधिकारी हरिशंकर श्रीवास्तव, संजय दीक्षित, अनुराग शुक्ला, राघव अग्निहोत्री, प्रशांत कटियार, रामनरेश त्रिपाठी, योगेन्द यादव, अरविन्द शुक्ला, चन्दसेन भारती, विजय शंकर कौशल, अनूप सचान, वरिष्ठ पत्रकार आशीष अवस्थी, रामलखन पाण्डेय, अंजनी पाण्डेय, अनूप त्रिपाठी, मयंक, रोहित शुक्ला, रणविजय सिंह, रामशंकर वर्मा, फूलचन्द्र आर्या, राम प्रकाश वर्मा, सुशील, अदनान इकबाल, सत्येन्द्र कुमार कुशवाहा, नीरज, अमर सिंह, विकास सचान आदि ने शोक संवेदनाएं व्यक्त की। मान्यता प्राप्त पत्रकार राघव अग्निहोत्री ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि एक वर्ष के भीतर ही करन सिंह परिहार उनकी पत्नी प्रभा सिंह व पिता पूर्व सैनिक रामनिवास सिंह परिहार के निधन से सभी प्रियजन आहत है। विगत वर्ष करन सिंह ने दूर पथ का राही पुस्तक में मेरे साथ सहलेखक की भूमिका निभाई थी। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कहा कि युवा मान्यता प्राप्त पत्रकार करन सिंह परिहार पत्रकार के साथ एक लेखक भी थे। करन सिंह परिहार के निधन से जहां एक दुख घटना है वहीं ज्ञात हुआ है कि साल भर के अन्दर उनकी पत्नी प्रभा सिंह परिहार व उनके सेनानी पिता जी का भी निधन हो चुका है। श्री करन सिंह परिहार के पिता पूर्व सैनिक रामनिवास सिंह परिहार 1962 की भारत-चीन युद्ध में जाबांज योद्धा रहे हैं तथा चीन द्वारा उस समय इन्हें बन्दी बना लिया गया था। युद्ध के दौरान कई दिनों तक बर्फ में दबे रहने के कारण कई दिनों तक मौत से जूझते रहे तथा इन्हें अपने दोनों पैरों की कुर्बानी भी देनी पड़ी थी। रामनिवास सिंह परिहार को जिला प्रशासन हमीरपुर तथा सरकार द्वारा कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया। करन सिंह परिहार अपने पीछे दो पुत्र भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। ज्ञात हो कि विगत वर्ष एक वर्ष पूर्व ही परिहार जी की पत्नी प्रभा सिंह व उनके पिता पूर्व सैनिक रामनिवास सिंह परिहार का आकस्मिक निधन हो गया था जिससे वह काफी दुखी थे। जनपद के कई वरिष्ठ नागरिकों व गणमान्य जनों ने भी श्री परिहार जी के निधन पर शोक व्यक्त किया है।