कोरोना प्रोटोकॉल की उड़ रहीं धज्जियां,प्रशासन भी सक्रिय नहीं
ऊंचाहार/रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता।
अभी कुछ महीने पूर्व ही कोरोना वायरस को लेकर जारी दहशत का असर गांव,शहर यहां तक कि देश विदेश में भी बना हुआ था।इस महामारी से निपटने के लिए सरकार और प्रशासन दोनों के जम के पसीने छूट रहे थे।यहां तक कि वह दौर भी गुजर गया जब पूरा देश मानो पत्थर का हो गया हो, आम इंसान की तो बात छोड़िए,पेड़ों के पत्ते तक अपनी जगह पर ठहर गए थे।खैर, किसी तरह से सरकार, वैज्ञानिकों और डॉक्टरों सहित कोरोना वॉरियर्स ने देश को फिर से चलायमान बनाया।लेकिन इस बार स्थानीय पुलिस प्रशासन की लापरवाही गांव और शहर को ही नहीं एक बार फिर से देश को कोरोना की तीसरी लहर की ओर धकेलने की दावत दे रहा है।