Monday, November 25, 2024
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परिजनों ने हत्या कर गोविन्द कुण्ड में फेंका था शव

♦ पुलिस ने चार आरोपितों को किया गिरफ्तार
मथुरा। थाना गोवर्धन पुलिस व सर्विलांस सेल मथुरा की संयुक्त टीम ने गोविन्द कुण्ड में मिली अज्ञात महिला के शव की शिनाख्त कराकर घटना का खुलासा करते हुए चार आरोपियों भागीरथ पुत्र परमान्नद कौशिक निवासी ग्राम आन्यौर थाना गोवर्धन जनपद मथुरा (भाई), राधेश्याम पुत्र परमान्द कौशिक निवासी ग्राम आन्यौर थाना गोवर्धन जनपद मथुरा (भाई), मृतिका की मां तथा मृतिका की बहन को गिरफ्तार किया है। दो अप्रैल को थाना गोवर्धन परिक्रमा मार्ग के किनारे ग्राम आन्यौर स्थित गोविन्द कुण्ड में अज्ञात महिला का शव हाथ पैर बधे हुए बरामद हुआ था। शिनाख्त के सम्बन्ध में पम्पलेट प्रिंट मीडिया तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का सहयोग लिया गया। घटना के सम्बन्ध में थाना गोवर्धन पर अभियोग पंजीकृत किया गया था। अज्ञात महिला के शव की शिनाख्त तीन अप्रैल को करायी गयी, अज्ञात महिला की शिनाख्त मृतिका पत्नी नरेन्द्र शर्मा व पुत्री परमानन्द कौशिक निवासी आन्यौर थाना गोवर्धन जिला मथुरा, निवासी ग्राम डेरा थानागाजी अलवर राजस्थान उम्र करीब 24 वर्ष के रूप में हुई थी। वर्ष 2018 में मृतिका की मां के द्वारा थाना गोवर्धन पर धारा 366 आईपीसी का अभियोग पांच अप्रैल 2019 को निर्दाेष सिंह पुत्र जवाहर निवासी ग्राम आन्यौर थाना गोवर्धन मथुरा के विरुद्ध मृतिका का अपहरण करने के सम्बन्ध में पंजीकृत कराया गया था। पांच पडता में 10 मई 2019 को मृतिका की बरामदगी कर न्यायालय में पेश किया गया था। जिसमें मृतिका द्वारा निर्दाेष के साथ जाने व रहने की बात कही गयी थी, जिसके आधार पर मृतिका निर्दाेष के साथ चली गयी थी। कुछ समय के पश्चात मृतिका नें निर्दाेष से सम्बन्ध विच्छेद कर अक्टूबर 2019 में नरेन्द्र शर्मा निवासी ग्राम डेरा थाना गाजी अलवर राजस्थान के साथ परिवारजनों व ग्रामीणों के सहयोग से मृतिका की कोर्ट मैरिज करायी गयी थी। मृतिका का ढाई वर्ष का बेटा भी है। 14 फरवरी 2023 से वह अपनी ससुराल से कुएं पर पानी लेने की कहकर घर से गयी थी जो वापस नहीं लौटी। पति नरेन्द्र शर्मा द्वारा मृतिका की माँ व बहन, भाई को घर से बिना बताये जाने की सूचना दी गयी थी पिछले करीब डेढ महीने से मृतिका गोवर्धन में घूम रही थी जिस कारण मृतिका के मायके पक्ष व परिवार के लोगों को अपमान ध् बेज्जती महसूस हो रही थी जिस कारण से मृतिका की मां ने उससे मुक्ति पाने के लिये अपनी बडी लडकी (मृतिका की बहन) को एकादशी से पहले घर पर बुलाया था। घर पर मृतिका की मां ने बेज्जती से बचने के लिये अपनी लडकी व दोनो लडको को समझाकर गोवर्धन से मृतिका को बुलाकर परिक्रमा मार्ग के किनारे स्थित गोविन्द कुण्ड पर ले जाकर तीनो भाई बहनों ने मिलकर मृतिका की गला दबाकर हत्या कर शव को छिपाने के लिये गोविन्द कुण्ड के पानी में हाथ मुंह व पैर उसी के कपडों व चुन्नी से बांधकर फेंक दिया था।