Monday, November 25, 2024
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बेटियों की कुश्ती देख दर्शक हुए गदगद

मथुरा। श्री राधारानी की छठी उत्सव पर बरसाना में दंगल का आयोजन हुआ। बाबा वृषभानु ब्रज के राजा थे, और उनके यहां एक दिव्य कन्या उत्पन्न हुई। जिसका नाम राधा था। बाबा वृषभानु ने उस दिव्य कन्या का बडा भारी उत्सव मनाया था। और जन्म के ही दिन छठी पूजन के आयोजन पर विशाल कुस्ती प्रतियोगिता की घोषणा कर दी गयी थी। अनादिकाल से मल्लयुद्ध प्रसिद्ध रहा है। और उस समय मल्लयुद्ध सबसे बडा आयोजन माना जाता था। बडे बडे राजाओं के मल्ल इस प्रतियोगिता में भाग लेते थे। उचित इनाम की घोषणा भी होती थी। वहीं परंपरा आज भी बाबा वृषभानु के नगर बरसाना में देखने को मिलती है।
28 सितंबर गुरुवार को मटकी फोर लीला होने के बाद बरसाना में विशाल दंगल का आयोजन हुआ। बडी संख्या में मटकी लीला देखने के बाद लोग दंगल देखने को लालायित हो दंगल की ओर चल देते है। महिला पहलवान पुरुष पहलवान से कुश्ती लड़ी, मुकावला बडा रोमांचक रहा। इस दंगल में बडे बडे पहलवान राज्य और राष्ट्रीय स्थर के भाग लेते हैं। दंगल की व्यवस्था बरसाना समाज के लोगों द्वारा व बरसना नगर पंचायत के माध्यम से की जाती हैं। कहा जाता है कि दंगल को देखने के लिए उत्तर प्रदेश के पड़ोसी राज्य हरियाणा और राजस्थान से दर्शक बड़ी संख्या में दिखाई देते हैं। इस विशाल दंगल में वैसे तो सैकडों कुश्ति 500 रुपये से लेकर 31 हजार रुपये तक की होती है। लोगों का इन कुश्तियां को देख मनोरंजन और उत्साह पल पल बढ़ता है। लेकिन जैसे ही 50 हजार से ऊपर कुश्तियां होने लगती है तो दर्शक अपनी सांसे थाम कर बैठ जाते हैं। अंतिम कुस्ती का नजारा देखने के लिए लोग पुरा ध्यान कुस्ती पर ही लगा देते है।
इस बार अन्तिम कुस्ती विक्रम पहलवान जानू वाले और चन्दू गोवर्धन वाले के बीच बडी रोमांचक व काटे की हुई। अंतिम कुस्ती बराबरी पर छूटी लम्बे समय तक चली कुस्ती में दोनों पहलवानों का मुकाबला बराबर रहा। जिसमें दोनों पहलवानों को सम्मान के तौर पर 30, 30 हजार रुपये की धनराशि दी गई। जबकि फाइनल कुस्ती एक लाख 61 हजार रुपये और चांदी का बुर्ज की कुस्ती रखी गयी थी।

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