नई दिल्लीः राजीव रंजन नाग। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने आज कांग्रेस पर अन्य दलों को बेवकूफ बनाने का आरोप लगाया और संकेत दिया कि अगर उन्हें पता होता कि इंडिया एलायंस राज्य स्तर पर काम नहीं करता है, तो वे इस एलायंस से नहीं जुड़ते। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस से हाथ मिलाने पर पुनर्विचार करेगी। राष्ट्रीय स्तर पर सहयोगी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने मध्य प्रदेश की 18 सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतारे हैं। इस घटनाक्रम से आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा विरोधी वोटों के विभाजित होने और राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के हाथों में जाने की उम्मीद है। श्री यादव ने संवाददाताओं से कहा, हमने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री (कमलनाथ, जो अब पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख हैं) से बात की। उन्होंने पार्टी के प्रदर्शन पर चर्चा की। श्री यादव ने कहा, हमने उन्हें बताया कि हमारे विधायक पहले कहां जीते थे, उन्हें बताया कि हम पहले कहां नंबर 2 पर थे।
उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि वे छह सीटों के लिए हमारे बारे में सोचेंगे। जब उन्होंने उम्मीदवारों की घोषणा की तो सपा के के हिस्से में कुछ भी नहीं था। अगर मुझे पता होता कि राज्य में कोई गठबंधन नहीं है, तो हम मिलते ही नहीं। हमने कांग्रेस से बात नहीं की होती। उन्होंने कहा, लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन के बारे में सोचेंगे, वे हमारे साथ जैसा व्यवहार करेंगे, हमारा व्यवहार वैसा ही होगा।
कांग्रेस ने नवरात्रि के पहले दिन 144 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। आठ घंटे बाद समाजवादी पार्टी ने अपने नौ उम्मीदवारों के नाम जारी किए, जहां पांच सीटों पर ओवरलैप हुआ। बुधवार की शाम, सपा ने अन्य 22 उम्मीदवारों की घोषणा की, जिनमें से 13 विभिन्न सीटों पर कांग्रेस के खिलाफ खड़े थे।
दरअसल, पार्टी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अजय राय की ओर से कुछ तल्ख टिप्पणी के बाद मामला और बिगड़ गया। उन्होंने कहा था कि सपा का मध्य प्रदेश में कोई जमीनी समर्थन नहीं है और उसे वहां चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके अलावा कांग्रेस उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।
इससे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री यादव नाराज हो गये थे। उन्होंने कहा, मैं कांग्रेस से कहना चाहता हूं कि उनके चिरकुट नेताओं को सपा के बारे में नहीं बोलना चाहिए, ये कांग्रेस के लोग भाजपा के साथ हैं, अगर मुझे पता होता कि राज्य स्तर पर कोई गठबंधन नहीं है, तो मैं ऐसा नहीं करता।
कल, कमल नाथ ने कहा कि राज्य स्तर पर गठबंधन को लेकर सपा के साथ बातचीत अभी भी जारी है। उन्होंने कहा, व्यावहारिक गड़बड़ियां भी थीं। हमारे उम्मीदवार सपा के चुनाव चिन्ह पर लड़ने के लिए तैयार नहीं हैं, भले ही सपा कहती है कि वह अपने चुनाव चिन्ह पर हमारे उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के लिए तैयार है। ऐसी स्थिति में, हम क्या करेंगे? ये जमीन पर व्यावहारिक पहलू हैं।
उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि सपा बीजेपी को हराने में हमारी मदद करे। मैं अखिलेश यादव को धन्यवाद देता हूं, क्योंकि उनका लक्ष्य बीजेपी को हराना है। उन्होंने यह बात मुझे निजी तौर पर बताई थी।
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