फिरोजाबाद। प्राइवेट अस्पतालों में लापरवाही चरम पर है। आए दिन किसी न किसी अस्पताल में बच्चों अथवा महिलाओं की मौत की खबर आ रही है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग कानों में रुई और आंखों पर पट्टी बांधे बैठा हुआ है। इससे लोगों में प्राइवेट अस्पतालों के खिलाफ आक्रोश बढ़ रहा है। उपचार के दौरान एक बच्ची की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा काटा और तोड़फोड़ भी की। जिससे अफरा तफरी का माहौल बन गया।
थाना दक्षिण क्षेत्रांर्गत रवि यूनिटी हॉस्पीटल चल रहा है। इस हॉस्पीटल में बुधवार को थाना नगला सिंघी के गांव नगला कदम निवासी डौली (18 माह) पुत्री रामहरी भर्ती हुई थी। उपचार के दौरान बृहस्पतिवार सुबह उसकी तबियत खराब हो गई। स्टाफ ने उसे आगरा ले जाने के लिए कहा। लेकिन परिजन जब तक उसे आगरा ले जाने की व्यवस्था करते बच्ची की मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा काटा। जिससे अस्पताल के कर्मचारी डर कर भाग गये। परिजनों ने बताया कि अस्पतालों में अनट्रेंड स्टाफ रखा है। कंपाउंडर द्वारा नली डालने पर बच्ची की सांस रुक गई, जिससे उसकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल के स्टाफ ने इलाज के नाम पर उससे एक लाख रुपये जमा कराये। लोगों ने इन प्राइवेट अस्पतालों पर सख्त कार्यवाही की मांग की है। जिससे लोगों की जान को बचाया जा सके। उधर लोगों का कहना है कि प्राइवेट अस्पतालों में आए दिन बच्चे और महिलाओं की मौत की खबरें आ रही हैं। इसके बाबजूद स्वास्थ्य विभाग कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। दिन व दिन नये अस्पताल खुलते जा रहे हैं। जबकि इन अस्पतालों में ना ही कोई उपचार की व्यवस्था है और ना ही कोई मानक है। इसके बाबजूद यह अस्पताल धड़ल्ले से चल रहे हैं। आखिर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस तरह की लापरवाही क्यों कर रहे है।