पवन कुमार गुप्ता: रायबरेली । मौसम में बदलाव हो चुका है, जिले के तापमान में भी गिरावट आने से सर्दी भी अब अपने जोश में आ रही है, दिसम्बर भी विदा लेने वाला है। परंतु प्रशासन की अव्यवस्थाओं के कारण सार्वजनिक स्थलों पर अब तक अलाव जलाने के इंतजाम नहीं किए गए। हालांकि अभी कोहरे से राहत है।
बता दें कि सर्द के इस मौसम में शहर के साथ-साथ गांवों में व नगर के चौराहों पर ठिठुरन के कारण लोग शाम होने से पहले ही घर की तरफ निकल पड़ते हैं और देर शाम होते-होते चौराहों पर सन्नाटा छा जाता है।
कुछ जगहों पर लोगों ने स्वयं के द्वारा अलाव की व्यवस्था कर भी रखी है तो वह भी कुछ देर में ही बंद हो जाते हैं और ठंडे पड़ जाते हैं। लोग बस स्टॉप, चौराहे, रेलवे स्टेशन पर भी ठंड में ठिठुरने को विवश हैं। गरीबों और असहायों को भी ठंड से बचाने के लिए भी प्रशासन शिथिल दिखाई दे रहा है, न तो अभी तक जिले में वितरण के लिए कंबल आ पाने की सूचना है और न ही सार्वजनिक स्थलों पर अलाव जलाए जाने के आदेश मिले हैं। साथ ही इस ठंड में विद्यालय के समय पर भी परिवर्तन की अभी कोई सूचना नहीं। इसके साथ ही इस वर्ष समाजसेवी भी ठंडे पड़े हुए हैं। गरीब व जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए कोई आगे बढ़ता नहीं दिख रहा है। असहायों की नजरें समाजसेवियों और सरकार व प्रशासन पर टिकी हुई हैं।
यहां तक कि नगर पालिका व नगर पंचायतों के द्वारा भी क्षेत्र में अलाव जलाने के इंतजाम पूरी तरह से नहीं किए गए। दिसंबर माह का आखिरी सप्ताह भी शुरू होने को है और अब देखना यह है कि दिन में विभिन्न प्रकार से जीवन यापन करने वाले लोगों के लिए प्रशासन इस कड़ाके की ठंड में किस प्रकार की व्यवस्था सुनिश्चित करता है।