Sunday, November 24, 2024
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श्रीराम मंदिर ’राष्ट्र मन्दिर’ के रूप में भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक एकता का प्रतीक बनेगा: मुख्यमंत्री

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि आज पूरी दुनिया अयोध्या की ओर उत्सुकता से देख रही है। हर कोई अयोध्या आना चाहता है। पूरा देश राममय है। यह उत्तर प्रदेश की ग्लोबल ब्राण्डिंग सुअवसर भी है। प्रदेश सरकार प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में आने वाले अतिथियों तथा उसके पश्चात पर्यटकों तथा श्रद्धालुओं के आगमन के सुखद, संतोषप्रद अनुभव के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी। जनसहयोग से अयोध्या नगरी सुरक्षा, सुविधा और स्वच्छता का मानक होगी।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में भगवान श्रीरामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों तथा अयोध्या में संचालित विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने बैठक में अधिकारियों को अयोध्या नगरी को अलौकिक, अभूतपूर्व और अविस्मरणीय बनाने के लिए सभी आवश्यक प्रबन्ध करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अवधपुरी में भव्य-दिव्य श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण में श्रीरामलला के विराजमान होने की बहुप्रतीक्षित साधना पूर्ण होने में कुछ ही दिवस शेष हैं। श्रीराम मंदिर ’राष्ट्र मन्दिर’ के रूप में भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक एकता का प्रतीक बनेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्राण-प्रतिष्ठा का यह ऐतिहासिक कार्यक्रम सभी सनातन आस्थावानों के लिए हर्ष-उल्लास, गौरव तथा आत्मसंतोष का अवसर प्रदान करेगा। 22 जनवरी, 2024 को सायंकाल हर देव मंदिर में दीपोत्सव मनाया जाएगा। हर सनातन आस्थावान अपने घरों/प्रतिष्ठानों में श्री रामज्योति प्रज्ज्वलित कर रामलला का स्वागत करेगा। यह अभूतपूर्व तथा भावुक करने वाला क्षण है। हमारा सौभाग्य है कि हम उस प्रदेश में निवासरत हैं, जहां प्रभु श्रीराम ने अवतार लिया। पूरी दुनिया आज अयोध्या की ओर उत्सुकता भरी दृष्टि से देख रही है। यह श्रीराम जन्मभूमि मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के साथ ही उत्तर प्रदेश की ग्लोबल ब्राण्डिंग के लिए भी सुअवसर है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्राण-प्रतिष्ठा के उपरांत हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु व पर्यटक अवधपुरी आएंगे। उत्तर प्रदेश आगमन पर उन्हें अलौकिक अनुभूति प्रदान करने के लिए उत्कृष्ट आतिथ्य की सभी व्यवस्थाएं की जाएं। रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में पूरे देश से गणमान्यजन का आगमन हो रहा है। ऐसे ऐतिहासिक अवसर पर पूरी अवधपुरी की भव्य साज-सज्जा की जाए। श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और केंीय एजेंसियों के साथ समन्वय बनाते हुए यातायात प्रबन्धन, प्रोटोकॉल के अनुरूप अतिथियों के स्वागत-सत्कार हेतु सभी आवश्यक प्रबन्ध किए जाएं। आतिथ्य-सत्कार में स्वच्छता एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है। सभी को इस पर काम करना होगा। जनसहयोग लें। अतिरिक्त मैनपॉवर तैनात करें। मुख्य मार्ग में धूल न उड़े, इसके लिए स्वच्छता के पर्याप्त प्रबन्ध किए जाएं। जगह-जगह कूड़ेदानों की व्यवस्था की जाए। वेस्ट मैनेजमेंट की भी व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अवधपुरी में संचालित किए जाने वाले भोजनालय/भंडारा को ’माता शबरी’ के नाम पर स्थापित किया जाए। इसी प्रकार रैन बसेरे को ’निषादराज गुह्य अतिथि गृह’ के रूप में विकसित किया जाए। अन्य भवनों के नामकरण भी इसी प्रकार रामायणकालीन चरित्रों के नाम पर किए जाएं। 22 जनवरी, 2024 के उपरांत अयोध्या में दुनिया भर से रामभक्तों का आगमन होगा। उनकी सुविधा के लिए पूरे नगर में संविधान की 08वीं अनुसूची में सम्मिलित तथा संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषाओं में साईनेज लगाए जाएं। प्रयागराज-अयोध्या, गोरखपुर-अयोध्या, लखनऊ-अयोध्या, वाराणसी-अयोध्या मार्ग पर स्मार्ट साइनेज लगाये जाएं। विभिन्न भाषाओं में सूचना प्रसारित की जाए। इन मार्गों पर स्वǔछता का खास प्रबन्ध रखा जाए। अतिक्रमण को दूर किया जाए। रेहड़ी-पटरी व्यवसायियों को मार्ग से दूर रखा जाए। साथ ही, क्रेन व एम्बुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा संबंधित जनपदों को निर्देशित किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्रद्धालुओं/पर्यटकों को अयोध्या आगमन के लिए प्रयागराज, गोरखपुर, वाराणसी तथा लखनऊ जनपदों को वॉल्वो बसों और हेलीकॉप्टर सेवा से जोड़ने की तैयारी की जाए। अयोध्या में तीन हेलीपैड तैयार हैं, इनका समुचित उपयोग किया जाए। अयोध्या की सुरक्षा, सुविधा और स्वच्छता के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह तथा उसके बाद अयोध्या में सतत् रूप से पुख्ता सुरक्षा के इंतजाम किए जाएं। सेफ सिटी की परियोजना को बिना देरी तत्काल लागू किया जाए तथा पर्याप्त संख्या में सी0सी0 टी0वी0 कैमरे लगवाए जाएं। 22 जनवरी, 2024 से पूर्व अयोध्या की आई0सी0सी0सी0 एक्टिव किया जाए। श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए हॉस्पिटैलिटी की उत्कृष्ट सुविधा का प्रबन्ध किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या में कहीं भी अतिक्रमण नहीं होना चाहिए। नया घाट से टेढ़ी बाजार मार्ग पर दोनों ओर रेलिंग लगाई जाएं। रेलिंग की साज-सज्जा भी की जानी चाहिए। सार्वजनिक प्रसाधन स्थलों की नियमित साफ-सफाई की जाए। फ्यूल पम्पों पर प्रसाधन कक्षों की साफ-सफाई सुनिश्चित की जाए। प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2017 में सरयू जी की आरती की परम्परा प्रारम्भ कराई गई, इसे और अधिक व्यवस्थित तथा आकर्षक बनाया जाए। अर्चकों का प्रशिक्षण भी कराया जाना चाहिए। अयोध्या का एक डिजिटल टूरिस्ट एप विकसित किया जाए, इसमें अयोध्या में मौजूद सभी आधारभूत सुविधाओं एवं प्रमुख स्थलों की जानकारी वॉक थ्रू के माध्यम से उपलब्ध कराई जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या आगमन के लिए निकटस्थ 06 रेलवे स्टेशन हैं। परिवहन विभाग द्वारा इन स्टेशनों से समन्वय बनाते हुए यहां उतरने वाले पर्यटकों व श्रद्धालुओं को सुविधाजनक ढंग से गंतव्य तक पहुँचाने के लिए अच्छी बसों की व्यवस्था स्थायी रूप से की जाए। अयोध्या में देश-विदेश के प्रतिष्ठित कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां तथा प्रबुद्ध सम्मेलन आयोजित किया जाए। सरयू जी में नावों पर ’सांस्कृतिक कला नौका यात्रा’ का आयोजन किया जाए। मकर संक्रान्ति पर्व से प्रदेश के सभी आध्यात्मिक स्थलों व मंदिरों में भजन-कीर्तन आदि सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन कराए जाएं। मंदिरों में दीप प्रज्ज्वलन, दीप दान के साथ-साथ रामकथा प्रवचन, अनवरत रामायण, रामचरित मानस, सुन्दरकाण्ड पाठ आदि कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाए। नगर निकायों में नगर संकीर्तनों का आयोजन किया जाये, जिसमें स्थानीय भजन/कीर्तन मण्डलियों को सम्मिलित करते हुए, नगरों में राम मंदिर रथ एवं कलश यात्राओं का आयोजन किया जाए। अयोध्या के मंदिरों में 14 से 24 मार्च, 2024 तक भजन कीर्तन, अनवरत रामायण, रामचरितमानस, सुन्दरकाण्ड पाठ आदि कार्यक्रम भी आयोजित किए जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि रामायण श्रीराम जी के जीवन पर आधारित एक अद्भुत अमर कहानी है, जो हमें भक्ति, कर्तव्य, सम्बन्ध, धर्म तथा कर्म का सही अर्थ सिखाती है। देश-विदेश में कई कथा वाचकों द्वारा रामकथा के विभिन्न प्रसंगों के माध्यम से जनमानस के मध्य श्रीराम के आदर्शों को स्थापित किया जा रहा है। ऐसे कथा वाचकों द्वारा राम नगरी अयोध्या जी में प्रवचन एवं रामकथा की सरिता प्रवाहित की जाए। भगवान श्रीराम के परम्परागत रूपों पर आधारित देश के विभिन्न प्रान्तों/विभिन्न देशों में होने वाली रामलीलाओं की प्रस्तुति कराई जाए। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश उत्तराखण्ड, हरियाणा, कर्नाटक, सिक्किम, केरल, छत्तीसगढ़, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख एवं चंडीगढ़ आदि राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में इसकी समृद्ध संस्कृति है। नेपाल, कम्बोडिया, सिंगापुर, श्रीलंका, थाईलैण्ड, इण्डोनेशिया आदि की रामलीला मण्डलियों को भी आमंत्रित किया जाए। अयोध्या जी में भजन संध्या मंच पर देश के प्रसिद्ध भजन गायकों द्वारा प्रभु श्रीराम जी पर आधारित भजनों का गायन हो। स्थानीय भजन गायकों को भी स्थान दिया जाए।