Sunday, November 24, 2024
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उ0प्र0, आज देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में देश के विकास का ग्रोथ इंजन: मुख्यमंत्री

लखनऊ: जन सामना डेस्क। उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योजना भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य की अद्यतन प्रगति की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत साढ़े 06 वर्षों के नियोजित प्रयासों से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था आज सर्वश्रेष्ठ स्थिति में है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रदेश की कुल जी0डी0पी0 16.45 लाख करोड़ रुपये थी, जो वित्तीय वर्ष 2022-23 में 22.58 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। राष्ट्रीय आय में उत्तर प्रदेश 9.2 प्रतिशत का योगदान कर रहा है। उत्तर प्रदेश आज देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में देश के विकास का ग्रोथ इंजन बन रहा है।
प्रदेश सरकार के प्रयासों से राज्य की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर के राष्ट्रीय मानकों में अच्छे परिणाम मिले हैं। वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रचलित भावों पर उत्तर प्रदेश की वृद्धि दर 20.1 प्रतिशत रही, जबकि देश की विकास दर 18.4 प्रतिशत रही। स्थायी भावों पर राष्ट्रीय वृद्धि दर 9.1 प्रतिशत रही, जबकि प्रदेश में 9.8 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की गई। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2022-23 में स्थायी भावों पर राष्ट्रीय वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही, जबकि प्रदेश में 9.8 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की गई और प्रचलित भावों पर प्रदेश की वृद्धि दर 14.3 प्रतिशत रही।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रदेश की जी0डी0पी0 25.55 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने के अनुमान हैं। वर्ष 2027 तक प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी विभागों को अपने प्रयास तेज करने होंगे। अपने कार्यों की और बेहतर प्लानिंग करनी होंगी। हमारी नीयत साफ है, लक्ष्य स्पष्ट है। सभी को मिलकर, सही नीति और नियोजित क्रियान्वयन के लिए प्रयास करने होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था के प्राथमिक सेक्टर में सुधार के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी का समावेश किया गया है। डिजिटल क्रॉप सर्वे जैसे प्रयास किए जा रहे हैं। इसे सभी 75 जनपदों में प्रभावी ढंग से लागू करना होगा। गन्ना के अन्तर्गत क्षेत्रफल तथा उत्पादन के वर्ष 2021-22 के आंकड़ों में 26.8 प्रतिशत तथा औद्यानिक फसलों के उत्पादन में 31.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। विभिन्न फसलों में उच्च प्रजाति की किस्मों के आंकड़ों का समावेश किया गया है। दलहन तथा तिलहन में उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिये राज्य प्रायोजित स्कीमों के क्रियान्वयन के सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं। फसल विविधीकरण एवं बेहतर सप्लाई चेन मैनेजमेंट और बेहतर करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुग्ध उत्पादन में राज्य पुनः शीर्ष स्थान पर है। वाषिक प्रगति दर 12.80 प्रतिशत के साथ अण्डा उत्पादन में सर्वाधिक प्रगति करने वाला उत्तर प्रदेश तीसरा राज्य है। यह प्रगति संतोषजनक है। द्वितीयक सेक्टर में इण्डस्ट्रियल पावर कंजप्शन में 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में स्थापित इकाइयों का सर्वेक्षण करें तथा अप्रयुक्त प्लॉटों का चिन्हीकरण करें। नये इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना हो रही है। प्लेज पार्क 10 स्थानों पर स्थापित किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि होटल/रेस्टोरेंट, ट्रान्सपोर्ट, संचार, रियल एस्टेट, प्रोफेशनल सविस, लोक सेवा, रक्षा व अन्य सेवाओं वाले तृतीयक खण्ड में प्रदेश तेजी से तरक्की कर रहा है। पर्यटन सेक्टर से जुड़ी सेवाओं में अभूतपूर्व विकास हुआ है। पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार की वर्ष 2023 की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश सर्वाधिक पर्यटक आगमन वाला प्रदेश हो गया है। वर्ष 2022-23 में प्रदेश में 31.8 करोड़ पर्यटकों का आगमन हुआ। वाराणसी, मथुरा और अयोध्या इसके प्रमुख कें बनकर उभरे हैं। प्रदेश मंे आने वाले दिनों में इसमें उत्तरोत्तर विकास सुनिश्चित है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि घरेलू पर्यटकों के साथ-साथ हमें विदेशी पर्यटकों को आकषित करने के लिए ठोस कार्ययोजना बनानी होगी। सम्भावित देशों को चिन्हित करें। प्रदेश की ब्रांडिंग के लिए इन देशों के अनुसार नीति तैयार करें।
वर्ष 2023-24 की प्रथम छमाही में वर्ष 2022-23 की प्रथम छमाही की तुलना में उत्तर प्रदेश में कुल पंजीकृत वाहनों का भारत में अंश 14.1 प्रतिशत से बढ़कर 14.5 प्रतिशत हो गया है। वर्ष 2021-22 की तुलना में वर्ष 2022-23 में पंजीकृत कामशियल वाहनों में 47 फीसदी की वृद्धि रही। इसे और बढ़ाने के नीतिगत प्रयास किए जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के माध्यम से प्रदेश में कुल 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इसमें 11.8 लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव केवल मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए हैं। यह निवेश प्रदेश के आथिक परिवेश में बड़ा उछाल लाने वाला होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की बेहतर ब्रांडिंग, व्यापार अनुकूल माहौल और निर्यात प्रोत्साहन के प्रयासों का ही परिणाम है कि वर्ष 2017-18 में निर्यात जहां मात्र 0.89 लाख करोड़ रुपये था, वह आज बढ़कर 1.74 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
प्रदेश की बेरोजगारी दर वर्ष 2017-18 में जहां 6.2 प्रतिशत थी, आज 2.4 प्रतिशत रह गई है। इसके साथ ही महिला श्रम बल में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। यह वर्ष 2017-18 में 13. 5 प्रतिशत था, जो वर्ष 2022-23 में 31.2 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के द्वारा सिंचाई का रकबा बढ़ाने के प्रयासों से किसानों की खेती की लागत कम हुई है और आय में बढ़ोतरी हुई है। लगभग 23 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सहज सुविधा मिली है। चीनी मिलों का आधुनिकीकरण हुआ है। शुगर कॉम्प्लेक्स बन रहे हैं। आज गन्ना उत्पादन में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कृषि के साथ-साथ हाटिकल्चर और फिशरीज किसानों की आय बढ़ाने में बड़ा सहायक हो सकता है। हमें किसानों को इसके लिए प्रोत्साहित करना होगा। लैण्डलॉक्ड प्रदेशों की श्रेणी में फिशरीज सेक्टर में प्रदेश सरकार के प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है। फिशरीज के क्षेत्र में डिप्लोमा व अन्य डिग्री धारक युवाओं को तालाब आवंटन में वरीयता दी जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक इकाइयों के लिए भूमि की उपलब्धता प्राथमिक आवश्यकता है। प्रदेश सरकार ने इस सम्बन्ध में अपनी नीतियों को सरल किया है। लैण्डबैंक विस्तार के लिए प्रयास तेज करने होंगे। सिक यूनिट को चिन्हित करें। यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के बाद हमें निवेशकों से सम्पर्क-संवाद का क्रम जारी रखना चाहिए। नए सेक्टर के नए निवेशकों से भी संवाद करें। उन्हें प्रदेश के यूनिक सेलिंग प्रपोजल (यू0एस0पी0) से अवगत करायें। इसके लिए डेडिकेटेड टीम होनी चाहिए। इन्वेस्टर आउटरीच को और बेहतर करने की आवश्यकता है।
फार्मा इण्डस्ट्री को प्रोत्साहित करने के लिए हमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षण संस्थानों, रिसर्च लैब और इण्डस्ट्री, तीनों क्षेत्रों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। ऐसे में फार्मास्युटिकल रिसर्च एण्ड इनोवेशन इंस्टीट्यूट की स्थापना की जानी चाहिए। यह संस्थान मूलतः शोध और नवाचार पर केंेित होगा। साथ ही, इस सेक्टर से सम्बधित अन्य संस्थानों व इण्डस्ट्री के बीच सेतु का काम करेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवारों की आथिक स्थिति और इण्डस्ट्री का प्रादेशिक इण्डेक्स तैयार किया जाए। किस जनपद की क्या स्थिति है, कहाँ, किस प्रकार की आवश्यकता है, इस इण्डेक्स से पता लग सकेगा। इस दिशा में तत्काल प्रयास शुरू करें।
शहरों के नियोजित एवं सुस्थिर विकास के लिए आवास एवं उससे सम्बद्ध अवस्थापना सुविधाओं की उपलब्धता आवश्यक है। विगत साढ़े पांच वर्षों में प्रदेश में सुनियोजित शहरीकरण तेजी से बढ़ा है। नए नगरीय निकाय गठित किए गए हैं। इससे रियल एस्टेट सेक्टर में बड़ा बदलाव आया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में सबसे बड़ा एम0एस0एम0ई0 सेक्टर उत्तर प्रदेश का है। एम0एस0एम0ई0 के प्रोत्साहन के लिए वित्तीय सहायता भी उपलब्ध कराई जा रही है। वर्ष 2016-17 में जहां मात्र 28 हजार करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया जा सका था, वहीं वर्ष 2023-24 में अब तक 1.5 लाख करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराया गया। इस वित्तीय वर्ष में यह 1.75 लाख करोड़ रुपये ऋण उपलब्ध कराने की तैयारी है। इस सेक्टर को हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। हमारी ओ0डी0ओ0पी0 योजना निर्यात बढ़ोत्तरी का बड़ा आधार बन रही है। इनके प्रमोशन के लिए नए बाजार भी तलाशे जाएं।
नियोजन विभाग द्वारा आयोजित इस बैठक में नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव श्री आलोक कुमार और फाइनेन्स सेक्टर की कंसल्टिंग कम्पनी डेलॉयट के प्रतिनिधि ने विस्तार से प्रदेश के आर्थिक परिवेश की वर्तमान स्थिति और सम्भावित भावी परिणाम, उद्योग जगत की अपेक्षाओं आदि के सम्बन्ध में सेक्टरवार विस्तार से जानकारी दी।
बैठक में वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह, औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’, श्रम एवं सेवा योजन मंत्री अनिल राजभर, एम0एस0एम0ई0 मंत्री राकेश सचान, मत्स्य मंत्री संजय निषाद, उद्यान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह, विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री जी के सलाहकारगण एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।