मथुरा। बसपा प्रत्याशी सुरेश सिंह ने कहा कि जनपद में 65 प्रतिशत प्राथमिक स्कूलों में बच्चे जमीन पर बैठ कर पढ़ रहे हैं। शिक्षा क्षेत्र मानव संसाधन की बेहद कमी से जूझ रहा है। सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। विकास की हालत यह है कि जिले में चार लाख परिवार हर महीने सरकारी राशन का इंतजार करते हैं। युवा रोजगार के लिए भटक रहे हैं। हर क्षेत्र में निराशा का माहौल है। यह निराशा लगातार गहरा रही है और माहौल बिगड रहा है। देश और प्रदेश की सत्ता में बैठी संस्कारी पार्टी ने हालात यह बना दिये हैं कि हर महीने करीब 100 करोड़ की शराब मथुरा जनपद में लोग पी जाते हैं। जिससे सरकार को करीब 65 करोड़ का राजस्व मिलता है। शराब की कमाई और जनता के शोषण से धन काम कर हाइवे बनवा रहे हैं और फिर टोल टैक्स से वसूली कर रहे हैं। इन हाईवे पर जितने का ईंधन नहीं फुंकता उससे ज्यादा का टोल लग जाता है। यह हाईवे गरीब जनता के चलने के लिए नहीं है, जबकि कहने वाले कह रहे हैं कि विकास हो रहा है। जहां कभी दूध दही की प्रचुरता रहती थी वहां अब लोग शराब के नशे में डूबे हैं। तनाव में झगड़े हो रहे हैं और परिवार बिखर रहे हैं। युवा तनाव में है और सरकार रोजगार देने की बजाय तनाव कम करने के टिप्स दे रही है। बाहरी प्रत्याशी आये और चुनाव भी जीत गये लेकिन वह स्थानीय जरूरतों को समझ ही नहीं सके। इस बार हमारे जनप्रतिनिधि ने हवाई वाहवाही लूटने में 10 साल गुजार दिये। इनकी समझ का आलम यह है कि जिस यमुना में गर्मी के मौसम में नाव चलाने के लिए भी ठीक से पानी नहीं रहता है, वहां क्रूज लाकर खडा कर दिया है। हमारे जनप्रतिनिधियों ने मथुरा में इस मुहावरे पर मुहर लगा दी कि रोम जल रहा था और नीरो बांसुरी बजा रहा था। बसपा प्रत्याशी सुरेश सिंह मंगलवार को राया क्षेत्र में प्रचार अभियान के दौरान लोगों से जनसंपर्क कर रहे थे। राया के चौधरी हॉस्पिटल पर बसपा प्रत्याशी का चांदी का मुकुट पहनाकर जोरदार स्वागत किया गया। गांव गजू प्रधान नवाब सिंह ने स्वागत किया। गांव सोगरवार, गांव खड़िया, गांव नुनेरा, नगला अम्बू, सोनइ आदि दर्जनभर गांवों के लोग इस दौरान उपस्थित रहे।