राजीव रंजन नागः नई दिल्ली। इंदिरा गांधी के हत्यारों में से एक बेअंत सिंह के बेटे ने पंजाब के फरीदकोट निर्वाचन क्षेत्र से आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। 45 वर्षीय सरबजीत सिंह ने कहा कि फरीदकोट में कई लोगों ने उनसे चुनाव लड़ने का अनुरोध किया है और वह निर्दलीय के रूप में ऐसा करने की योजना बना रहे हैं।
सरबजीत सिंह बेअंत सिंह का बेटा है, और वह पूर्व प्रधानमंत्री के दो हत्यारों में से एक है। तत्कालीन प्रधानमंत्री के अंगरक्षक बेअंत सिंह और सतवंत सिंह ने 31 अक्टूबर 1984 को राजधानी दिल्ली में उनके घर पर श्रीमती गांधी की हत्या कर दी थी। बेअंत को सुरक्षा गार्डों ने मार डाला, जबकि सतवंत सिंह को पकड़ लिया गया और बाद में मौत की सजा सुनाई गई। इंदिरा गांधी की दो अंगरक्षकों, बेअंत सिंह और सतवंत सिंह ने, ऑपरेशन ब्लू के दौरान सिखों के साथ कथित दुर्व्यवहार और स्वर्ण मंदिर के अपमान के प्रतिशोध में, उन पर करीब से 30 से अधिक गोलियां चलाईं।
इंदिरा गांधी की हत्या ने पूरे देश को सदमे में डाल दिया, जिससे देश में अब तक की सबसे गंभीर सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी। केवल तीन दिनों में, लगभग 3,350 सिख (सरकारी अनुमान के अनुसार) मारे गए, जिनमें से 2,800 तो राष्ट्रीय राजधानी में ही मारे गए।
पंजाब में मोहाली के रहने वाले सरबजीत ने 2004 के लोकसभा चुनाव में बठिंडा से चुनाव लड़ा था और उन्हें 1,13,490 वोट मिले थे। इसके अलावा, उन्होंने 2007 के पंजाब विधानसभा चुनाव में बरनाला जिले के भदौर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें 15,702 वोट हांसिल किया। सिंह 2014 के लोकसभा चुनाव में फतेहगढ़ साहिब सीट से चुनाव लड़े लेकिन फिर हार गए। उनकी मां बिमल कौर 1989 में रोपड़ से सांसद चुनी गईं। पंजाब की 13 लोकसभा सीटों के लिए 1 जून को चुनाव होंगे।
अरविंद केजरीवाल की “आप” ने फरीदकोट से अभिनेता करमजीत अनमोल को उम्मीदवार बनाया है, जबकि भाजपा ने संगीतकार हंसराज हंस को चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस सांसद मोहम्मद सादिक वर्तमान में फरीदकोट निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, सरबजीत सिंह के करीबी लोगों ने संकेत दिया कि वह बेअदबी और बेहबल कलां, फरीदकोट में दो व्यक्तियों की हत्या के मामलों में न्याय में देरी को उजागर करने की योजना बना रहे हैं।
12वीं क्लास ड्रॉपआउट सरबजीत सिंह 2014 के चुनावी हलफनामे में अपनी कुल संपत्ति 3.5 करोड़ रुपए घोषित की थी। रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में भी उसने बहुजन समाज पार्टी से चुनावी दांव खेला था, लेकिन उसे तब भी नाकामी हाथ लगी। सरबजीत 12वीं क्लास ड्रॉपआउट है और उनका पिता उन दो हत्यारों में शामिल था, जिन्होंने 31 अक्टूबर, 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके आवास में ही हत्या कर दी थी।