नई दिल्लीः कमल नैन नारंग। 18वीं लोकसभा का पहला सत्र का आज शुरू होने वाला है। संसद सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘संसदीय लोकतंत्र में यह एक गौरवशाली दिन है। आजादी के बाद पहली बार शपथ ग्रहण समारोह हमारे अपने नए संसद भवन में हो रहा है। पहले यह पुराने संसद भवन में होता था। इस महत्वपूर्ण दिन पर मैं सभी नवनिर्वाचित सांसदों का हार्दिक स्वागत करता हूं, उन्हें बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘आज 18वीं लोकसभा की शुरुआत हो रही है। दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव बहुत ही भव्य और गौरवशाली तरीके से संपन्न हुआ। ये चुनाव इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि आजादी के बाद दूसरी बार देश की जनता ने किसी सरकार को लगातार तीसरी बार सेवा करने का अवसर दिया है।’
18वीं लोकसभा में हमारे लिए खुशी की बात है कि युवा सांसदों की संख्या अच्छी खासी है। हम जब 18 की बात करते हैं तो भारत की परंपराओं को जानते हैं, भारत की सांस्कृतिक विरासत से परिचित हैं, वे जानते हैं कि हमारे यहां 18 अंक का बहुमत सात्विक मूल्य है। गीता के 18 अध्याय हैं। हमारे यहां पुराणों और उप-पुराणों की संख्या भी 18 है। 18 का मूलांक 9 है और 9 पूर्णता की गारंटी देता है। 18 वर्ष की आयु में हमारे यहां मताधिकार मिलता है। 18वीं लोकसभा भारत के लिए शुभ संकेत है।
पीएम ने आपातकाल का किया जिक्र
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कल 25 जून है। 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर लगे उस कलंक के 50 वर्ष पूरे हो रहे हैं। भारत की नई पीढ़ी कभी नहीं भूलेगी कि भारत के संविधान को पूरी तरह से नकार दिया गया था, संविधान के हर हिस्से की धज्जियां उड़ा दी गई थीं, देश को जेलखाना बना दिया गया था, लोकतंत्र को पूरी तरह दबा दिया गया था। अपने संविधान की रक्षा करते हुए, भारत के लोकतंत्र की, लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए, देशवासी संकल्प लेंगे कि भारत में दोबारा कोई ऐसा करने की हिम्मत न कर सके जो 50 साल पहले किया गया था। हम एक जीवंत लोकतंत्र का संकल्प लेंगे। हम भारत के संविधान के निर्देशों के अनुसार सामान्य मानवी के सपनों को पूरा करने का संकल्प लेंगे।’