Saturday, November 23, 2024
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वासुज्य भगवान का मोक्ष कल्याणक दिवस पर चढ़ाया जाएगा निर्वाण लाडू

एस. के. चित्तौड़ीः फिरोजाबाद। महावीर जिनालय छदामीलाल जैन मंदिर में चातुर्मास कर रहे आचार्य वसुनंदी महाराज ससंघ के सानिध्य में दसलक्षण पर्व के नौवे दिन उत्तम आकिंचन धर्म की पूजा अर्चना भक्तो ने की।
सोमवार को प्रातः महावीर जिनालय में सैकड़ों भक्तो ने मंदिर में नित्य नियम अभिषेक, शांतिधारा एवं पूजन किया। आचार्य श्री के मुखारविंदु से शांतिधारा का उच्चारण किया गया तो पूरा मंदिर प्रांगण मंत्रो से गुंजायमान हो उठा। अंत में आचार्य श्री ने विशाल धर्मसभा को उत्तम आकिंचन धर्म के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि उत्तम क्षमा, मार्दव, आर्जव, शौच, सत्य, संयम, तप, त्याग के बाद आकिंचन भाव प्रकट होता है। संसार में कौन क्या लाया था और कौन क्या लेकर जाएगा, बस यहां पर रहकर के कुछ चेतन अचेतन वास्तु के माध्यम से अपने परिणामों को खराब करके पाप का बंद करता है, तो कोई पुण्यात्मा जीव उसी वस्तु के निमित्त से अपने परिणामों को शुभ, अशुभ करता हुआ पुण्य का बंद करता है। एक जीव अपना कल्याण करने के साथ-साथ दूसरों के कल्याण में निमित्त बनता है वही दूसरा जीव अपना अहित करने के साथ दूसरों का अहित करने दुस्साहस करता है। आचार्य श्री ने अंत में कहा कि उत्तम आकिंचन धर्म का संक्षेप में अर्थ यही है कि संसार में मेरा कुछ भी नहीं है, जो कुछ भी मैंने पुण्य फल से प्राप्त किया है उसके नष्ट होने से पहले मुझे उसका सदुपयोग करना है या मेरा जीवन नष्ट हो जाए उससे पहले मैं अपनी काया का, माया का, धन-दौलत का, मन-वचन का सबका सदुपयोग करके अपनी चेतना को शुद्ध बना लूं। इस प्रकार का पुरुषार्थ सम्यक दृष्टि धर्मात्मा जीव ही करता है। धर्मसभा में सैकड़ों श्रद्धालुओं के साथ ललितेश जैन, अजय जैन, महेंद्र जैन, संभव प्रकाश जैन, मनीष जैन, प्रवीन जैन, मुकेश जैन, राजेश जैन, शैलेंद्र जैन, जितेंद्र जैन आदि लोग उपस्थित रहे। वर्षायोग समिति के मीडिया प्रभारी अजय जैन बजाज तथा राज जैन ने बताया की पर्युषण पर्व के अंतिम दिन मंगलवार को जैनों का सबसे बड़ा पर्व अनंत चतुर्दसी आचार्य श्री सानिध्य में धूमधाम से मनाया जाएगा। साथ ही वासुज्य भगवान का मोक्ष कल्याणक दिवस पर निर्वाण लाडू भी पूरे भक्ति भाव के साथ छदामीलाल जैन मंदिर में चढ़ाया जाएगा।