कानपुर देहात। मुख्य सचिव, उ0प्र0 शासन लखनऊ के प्रदत्त निर्देशों के क्रम में प्रदेश में महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलम्बन हेतु मिशन शक्ति फेस-0.5 के अंतर्गत जिलाधिकारी आलोक सिंह के मार्गदर्शन व जिला प्रोबेशन अधिकारी के नेतृत्व में सोमवार को अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के 10 दिवसीय समारोह के उपलक्ष्य में अकबरपुर बालिका इण्टर कालेज में बाल विवाह जागरूकता का आयोजन किया गया। जिसमें निधी सचान सेन्टर मैनेजर द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजनान्तर्गत बालिकाओं को शोषण से बचाना व उन्हें सही/गलत के बारे में अवगत कराना, सामाजिक और वित्तीय रूप से स्वतंत्र बनाना, शिक्षा के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ाने एवं भागीदारी को सुनिश्चित करने, किशोरियों के साथ महत्वपूर्ण बिन्दुओं जैसे-पी0सी0पी0एन0डी0टी0 एक्ट, बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006, बालिकाएं शक्तिशाली बने जिससे वह अपने जीवन से जुड़े सभी फैसले स्वयं ले सके साथ ही परिवार और समाज में अच्छे से रह सके आदि विषयों को दृतिष्टगत रखते हुए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, स्पॉन्सरशिप योजना, उ0प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य), पति की मृत्युपरांत निराश्रित महिला पेंशन योजना, बाल विवाह रोकथाम तथा बाल विवाह संबधी कानूनी प्रावधान के बारे में बताया गया एवं बाल विवाह से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी गयी। कि बाल विवाह का असर बच्चों, खासकर लड़कियों के जीवन को बदलने वाला हो सकता है। घर की जिम्मेदारियाँ बच्चों पर आती हैं। वे मानसिक या शारीरिक रूप से इसके लिए तैयार नहीं होते हैं। विवाह के लिए बच्चे की उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। कम उम्र में ही बच्चे का विवाह कर देना उनके अधिकार का हनन है। बाल विवाह रोकथाम हेतु छात्राओं द्वारा घर-घर में आवाज लगाओ, बाल विवाह को जड़ से मिटाओ, कम उम्र में शादी रोके, जीवन की बर्बादी रोके आदि नारे लगाये गये। कार्यक्रम के दौरान आपातकालीन टोल फ्री नं0 जैसे 181, 1090, 112, 1098, 1076, 1930 आदि के बारें मे भी जानकारी दी गई साथ ही कन्या भ्रूण हत्या रोकने हेतु बालिकाओं को शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम में विद्यालय के प्रधानाचार्या मिथलेश कुमारी, शिक्षिकाएं, विद्यालय की छात्रायें उपस्थित रहीं।