रायबरेलीः जन सामना ब्यूरो। निकाय चुनाव का शोर जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, जीत के लिए सारे हथकंडे भी अपनाए जा रहे हैं। मतदाताओं को खुश करने के लिए अवैध शराब की बुकिंग हो रही है, जबकि प्रशासन का कहना है कि चुनाव में शराब नहीं बंटेगी। बछरावां व शिवगढ़ में जिस तरह अवैध शराब की भट्ठियों की आग तपिश ले रही है, उससे साफ है कि प्रशासन के दावे धरे रह गए हैं। गांवों के जंगलों में शराब की भट्ठियां धधकनी तेज हो गई हैं। शराब माफिया बड़े पैमाने पर कच्ची शराब एकत्र कर रहे हैं। इस अवैध कारोबार की खेप को बाइक और कार के जरिये चुनाव क्षेत्र में पहुंचाया जा रहा है। इस पूरे मामले में पुलिस और आबकारी विभाग की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। इस समय शराब माफिया पूरी तरह से सक्रिय हैं। निकाय चुनाव आते ही एक बार फिर कच्ची शराब की भट्ठियां गांव के जंगलों में धधक रही हैं। आबकारी विभाग की मानें तो साल के दिसंबर और जनवरी महीनों में अमूमन देसी शराब की बिक्री 10 से 15 फीसद कम हो जाती है। लेकिन, इस वर्ष निकाय चुनाव होने के मद्देनजर शराब की मांग बढ़ गई है। सूत्रों की मानें तो चुनाव से जु़ड़े समर्थकों ने हजारों की संख्या में बोतलों की बुकिंग करा ली है। कच्ची शराब को भी भारी मात्रा में खरीदा जा रहा है।
सस्ती पड़ती है अवैध शराब
सरकारी ठेकों पर देसी शराब महंगी होने से अवैध कारोबारियों के हौसले बुलंद हैं। सरकारी दुकानों पर जहां देशी का एक पौवा 46 रुपये का है, वहीं अवैध कारोबारी महज 30 से 35 रुपये में एक लीटर शराब दे रहे हैं। इसी कारण समर्थक अवैध कारोबारियों से संपर्क कर कच्ची शराब एकत्र करने में जुट गए हैं। अवैध शराब का यह कारोबार देहात क्षेत्र के जंगलों में भी चल रहा है। हर रोज लाखों लीटर शराब निकल रही है। साथ ही पड़ोसी राज्य हरियाणा से भी कच्ची शराब मंगाई जा रही है। अवैध कारोबारी रात 11 बजे के बाद शराब की खेप पहुंचाते हैं।
इन क्षेत्रों में बनती है शराब
थाना बछरावा में बिसुनपुर, बन्नावा, मल्हीपुर, नीमटीकर, उच्चर, दक्षिण, पश्चिमगांव, राजा मऊ, सुदौली, करेता, थुलेडी, रामपुर थाना शिवगढ में बोधी खेड़ा, गंज बाजार, बोधीखेडा, कोयली खेडा, तौली, नया पुरवा, रायपुर नेरूवा, ओसाह, रामपुर टिकरा व लाही बार्डर के कई गांवों में शराब की भट्ठियां धधक रही हैं। थाना प्रभारी बछरावां अनिल सिंह का कहना है कि अब तक अवैध शराब बनाने वालों के खिलाफ विगत 1 महीने में कई मुकदमे लिखे गए हैं और आधा दर्जन से अधिक लोगों को जेल भेजा जा चुका है।