औरंगाबाद, बुलन्दशहर, जन सामना ब्यूरो। यहां जिला कृषि औधोगिक एवं सांस्कृति प्रदर्शनी स्थल के बेरनहाल में लोकतन्त्र में साहित्यकारों का योगदान विषय पर संगोष्ठी आहूत हुई। जिसकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त कमिश्नर सुशील कुमार शर्मा ने की। संगोष्टी का शुभारम्भ मां सरस्वती के चित्र के समक्ष द्वीप प्रज्ज्वलित करके भारत सरकार के पूर्व केन्दीय मंत्री संघप्रिय गौतम ने किया। संगोष्टी का सम्बोधित करते हुये जगतपाल सिंह ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण अतः समाज साहित्य से ही सीख लेता है और तदनुसार कर्म करता है। साहित्यकारों को सम्बोधित करते हुये पूर्व केन्द्रीय मंत्री संघप्रिय गौतम ने कहा कि लोकतन्त्र हिन्दुत्व का प्राण है। सब मिल जुलकर नीतिगत फैंसलाकर उनको धरातल पर उतारकर अमल करें। तभी सामाजिक समरस्ता व सदभाव का वातावरण बनकर राष्ट्र को सुसम्पन्न व स्मृद्धिशाली बना सकेगा। इस अवसर पर कविता रानी, पूर्व विधायक, मुन्शीलाल गौतम, डा0 लोकेष शर्मा आदि ने भी सम्बोधित किया। इसका कुशल संचालन रमेश चन्द्र पाण्डेय द्वारा किया गया। अन्त में कार्यक्रम के संयोजक साहित्यकार राजेश गोयल ने सभी का आभार प्रकट किया।