कानपुर, स्वप्निल तिवारी। खरीप विप्रण वर्ष 2018-19 मे धान की कस्टम मिलिंग की समस्याओं के संबंध में सरकार द्वारा किसानों को धान के समर्थन मूल्य की में भर्ती किया गया है। उसके लिए सरकार बधाई के पात्र हैं यह वास्तव में एतिहासिक वृद्धि है। इसके साथ ही धान की कस्टम मिलिंग में अनेक कठिनाइयां आती है। जो बिंदु वार नियमित है, सरकार धान खरीद कर चावल मिलों को पुताई कार्य हेतु देती है। सौ रुपया किलोग्राम धन के बदले 67 किलोग्राम चावल मिल अरसे से लेती है। 67 किलोग्राम चावल की रिकवरी नहीं बैठती प्रदेश के छोटे-छोटे काश्तकार अलग-अलग प्रकार की हाइब्रिड वैरायटी का ध्यान क्षेत्रवार पैदा करते हैं। खा लो पानी दावा आदि की व्यवस्था समय से पूरी नहीं कर पाते यह समुचित ना मिल पाने के कारण मशीनों द्वारा धान की कटाई करते हैं। इससे कटाई के समय ही काफी होता है और आधुनिक संस्थानों की कमी के कारण विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादित धान से चावल की रिकवरी 60% से 62% तक बैठती है। भारतीय खाद्य निगम के अंतर्गत आती है जो सरासर गलत है इसी कारणवश 15 % से 20 % तक मिले बंद हो जाती है। चावल की आपूर्ति भारतीय खाद्य नियम के गोदामों में मिलर्स द्वारा की जाती है। इसका परिवहन शुल्क 3.60/ रुपए प्रति 3 किलो मीटर कि उधर से भारतीय खाद्य निगम द्वारा मिलस को दिया जाता है जबकि भारतीय खाद्य निगम अपने चावल को ठेकेदारों से धुलाई कराने पर 200 % अधिक तक का शुल्क देती है। दोहरा मापदंड भारतीय खाद्य निगम द्वारा अपनाया जा रहा है उत्तर प्रदेश में चावल की धुलाई 9 टन प्रति ट्रक कर दी गई है जबकि चावल की 100270 कुंतल में 3ः00 तक लगेंगे जिससे बारे में 7000 से 8000 तक का नुकसान हो रहा है इसके साथ ही अश्वसेन का सुझाव है कि भाड़े की दर जिला अधिकारी की दर पर भुगतान सुनिश्चित करने का कष्ट करें अथवा जिस एजेंसी द्वारा मिला उसको ध्यान दिया जाता है वह ध्यान से निर्मित चावल मिल सेट हुआ कर भारतीय खाद निगम को डिलीवरी कर सके उपरोक्त समस्याओं के कारण उपज पर आधारित चावल उद्योग भारी आर्थिक संकट में है अधिकतर मिले रिकवरी मीनिंग खर्चा करें एजेंसियों की मनमानी के कारण आर्थिक रुप से कमजोर होकर बंद हो गई हैं और शेर बंदी के कगार पर है उत्तर प्रदेश में लगभग 13 से 14000 लाइक मिले थी जो इस समय 14ः00 सौ की संख्या में शेष बची है। इस अवसर पर गोविंद कान्त त्रिवेदी, महेंद्र बाबू मिश्रा, दीपक गुप्ता, संजीव गुप्ता, आदित्य बाजपेयी, अतुल कृष्ण श्रीवास्तव, अजय गुप्ता, सलिल जी, बैजनाथ शुक्ला(बी.एन शुक्ला), एस. बी.पाल आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।
जानकारी देते महामंत्री विनय शुक्ला, बैजनाथ शुक्ला