Tuesday, November 26, 2024
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शोषित समाज को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन कर दिया ज्ञापन

घाटमपुर, कानपुर। आज दोपहर अखिल भारतीय सामाजिक न्याय मंच संयोजक इंजीनियर रामगोपाल उत्तम के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकालकर जमकर नारेबाजी की विभिन्न मार्गो से भ्रमण करता हुआ जुलूस स्थानीय तहसील प्रांगण पहुंचा, जहां बैठक के बाद इंजीनियर रामगोपाल उत्तम के नेतृत्व में वक्ताओं ने अपने अपने विचार व्यक्त किए और प्रधानमंत्री भारत सरकार को संबोधित 12 सूत्रीय ज्ञापन नायब तहसीलदार राकेश वर्मा को सौंपा जिस में आरक्षण प्रावधानों के विपरीत यूजीसी द्वारा जारी किया गया रोस्टर एवं इसके आधार पर शिक्षण संस्थानों पर की गई नियुक्तियां सीट निरस्त करने जाति आधारित जनसंख्या की गणना शीघ्र जनता को बताए जाने वोह जातियां जिनका पुश्तैनी धंधा कृषि एवं पशुपालन रहा है उन सभी को ओबीसी श्रेणी में लाने पूरे देश में ओबीसी को जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण देने निजी संस्थानों एवं ठेकेदारी उद्योग व्यापार में भी sc.st.obc एवं अल्पसंख्यकों का आरक्षण लागू करने आरक्षित श्रेणी का कोटा शीघ्र पूर्ण किए जाने जब तक आरक्षण का कोटा पूरा ना हो जाए तब तक ओपन कैटिगरी में कोई भर्ती न करने, प्रमोशन में आरक्षण शीघ्र बहाल किया जाए तथा ओबीसी को प्रमोशन में आरक्षण दिया जाए एससी एसटी ओबीसी को भी विधानसभा एवं लोकसभा में जनसंख्या के अनुपात में सीटें आरक्षित की जाए तथा आरक्षित सीटे चुनाव में बदली जाए न्याय पालिका में भी एससी एसटी ओबीसी एवं जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण दिया जाए जंगली जानवरों से किसानों की फसल की सुरक्षा की जाए कृषि यंत्रों खाद्य एवं कृषि उपयोगी वस्तुओं में जीएसटी सहित सभी कर शीघ्र समाप्त करने, शहरों के ऑर्गेनिक कचड़े की खाद एवं सीवर की सिल्ट किसानों के खेतों में पहुंचाएं जिससे रासायनिक खादों की निर्भरता कम हो सके। इंजीनियर राम गोपाल वर्मा संयोजक सामाजिक न्याय मंच ने कहा कि एससी एसटी ओबीसी एवं माइनॉरिटी के लोगों ने आज तहसील स्तर पर आंदोलन का दूसरा चरण पूरा किया है। सभी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। इस आंदोलन के चैथे चरण 5 मार्च 2019 को भारत बंद का आवाहन किया गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सरकार हमारी मांगों को भारत बंद के पहले मान लेगी, इस मौके पर प्रमुख रूप से बलवंत सचान अंसार अहमद सुनील कुमार वर्मा राकेश मदन कुमार लाल बहादुर महेश कुशवाहा शंभू दयाल सचान, मौजी लाल कुशवाहा, अमर सिंह सचान, लालचंद, सुरेश रंजन पासी, अनुरुद्ध निषाद, श्रीपाल वासुदेव पासी, मनी राम, राम बाबू आदि लोगों ने अपने अपने विचार व्यक्त किए।