हाथरस, नीरज चक्रपाणि। सावन कृपाल रूहानी मिशन की शाखा कृपाल आश्रम गौशाला मार्ग पर आध्यात्मिक सत्संग का आयोजन हुआ, जिसमें ऑडियो-वीडियो के माध्यम से मिशन के प्रमुख एवं विश्व आध्यात्मिक सतगुरु परम संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने सच्चे शिष्य के रूहानी अनुभव नामक शीर्षक पर सत्संग फरमाया। महाराज जी ने कहा कि प्रभु को पाने का रास्ता प्रेम का रास्ता है। प्रेम का रास्ता वो रास्ता है, जिस पर सभी महापुरुष चलते आए हैं। महाराज जी ने परमसंत कृपाल सिंह जी महाराज जी की गजल के माध्यम से सत्संग फरमाया और कहा कि एक शिष्य के जीवन में अपने सतगुरु के प्रति कैसी कशिश होनी चाहिए, वह कृपाल सिंह महाराज जी ने अपनी गजल के माध्यम से अपने सतगुरु के लिए कही है। ‘उल्फत में किसी बात की परवाह न करेंगे, जाँ अपनी सूरते परवाह न करेंगे।’
आगे महाराज जी ने कहा कि एक सच्चा शिष्य हमेशा यही चाहता है कि उसे सदा-सदा अपने सतगुरु का प्रेम मिलता रहे। उसे दुनिया की किसी चीज की परवाह नहीं रहती है। उसका एक ही लक्ष्य होता है, प्रभु को पाना और इस लक्ष्य की प्राप्ति हमें हमारे सतगुरु के माध्यम से ही मिल सकती है। एक सच्चा शिष्य वो है जो कभी भी दुनिया के सुख-दुख में स्वयं को घिरा हुआ नहीं पाता। वह यही अटूट विश्वास रखता है कि उसका सच्चा सतगुरु हमेशा उसकी संभाल करता है। इसलिए एक सच्चे शिष्य का ध्यान हमेशा अपने सतगुरु की ओर ही रहता है। महाराज जी ने फरमाया कि अभी हम इस काल के देश में, माया की दुनिया में जी रहे हैं और इस माया की दुनिया में हमें हर चीज अलग तरह की दिखती है, होता कुछ है और हमें दिखता कुछ है? हर पल इस संसार में हलचल ही हलचल है। जब हम नियमित रूप से भजन अभ्यास पर बैठते हैं और अपने अंतर में सतगुरु के दर्शन करते हैं तो हमारे सतगुरु हमें प्रभु परमात्मा से एकमेक करा देते हैं। आश्रम पर बाल सत्संग के साथ-साथ प्याऊ, होम्योपैथिक चिकित्सा शिविर, आध्यात्मिक पुस्तकालय भी लगाया गया। सत्संग के पश्चात समस्त संगत को प्रसाद वितरित किया गया।