हाथरस, नीरज चक्रपाणि। घंटाघर स्थित अपना वाली धर्मशाला में आयोजित देवी भागवत कथा में नंद के आनंद भयो जय नंदलाल की के जयकारों से पंडाल गूंज उठा। भागवत कथा महोत्सव के दौरान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव में नन्हें बाल स्वरूप श्रीकृष्ण को जैसे ही पंडाल में लाया गया, श्रद्धालु झूम उठे। श्रीकृष्ण को माखन खिलाया, झूला झुलाया। पूरा वातावरण कृष्णमय हो गया।
महोत्सव में सुप्रसिद्ध कथा वाचक आचार्य सीपूजी ने भागवत कथा में कहा कि जहां प्रेम का वातावरण होता है, वहीं भगवान का पदार्पण होता है। परमात्मा को जानने की कोई उम्र नहीं है। परीक्षा भक्तों की होती है। जो भगवान को समर्पण भाव से याद करता है तो भगवान उसे ढूंढते हैं। कभी अहंकार-घमंड न करें। जिस दिन घमंड आ गया, समझना हमारा पतन निश्चित है।
सीपूजी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी लीलाओं से धरती को पाप मुक्त किया, वहीं गीता सुनाकर हमें सदमार्ग दिखाया, लेकिन अफसोस हम प्रभु भक्ति के मार्ग से भटके हुए हैं। बिना भक्ति के मुक्ति का मार्ग प्रशस्त नहीं हो सकता।
भागवत कथा में गंगाशरण वार्ष्णेय, हरिमोहन वार्ष्णेय, राहुल वार्ष्णेय, नन्नूमल गुप्ता, सीताराम वार्ष्णेय, विष्णु मोहन वार्ष्णेय आदि उपस्थित थे।