नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में एफआईईओ, रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) जैसे निर्यात संगठनों के प्रतिनिधियों, वित्त मंत्रालय के अधिकारियों और वित्तीय संस्थाओं के प्रमुखों के साथ बैठक कर निर्यात ऋण से सम्बन्धित मामलों पर चर्चा की। इस अवसर पर वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी और श्री सोम प्रकाश, वाणिज्य सचिव, श्री अनूप वधावन, सचिव एमएसएमई, डॉक्टर अरुण कुमार पांडा, विदेश व्यापार के महानिदेशक, आलोक वर्धन चतुर्वेदी एवं वाणिज्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बैठक में भाग लिया।
वाणिज्य मंत्री ने कहा कि निर्यात ऋण की समय पर और दक्षता से उपलब्धता किसी भी व्यापारिक गतिविधि के लिए महत्वपूर्ण है और यह निर्यात की वृद्धि को बढ़ावा देने वाले प्रमुख संवाहकों में से एक है। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि हमें सब्सिडी से दूरी बनाते हुए निर्यातकों को सस्ते ऋण सुगमता से उपलब्ध कराने चाहिए।
श्री पीयूष गोयल ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से निर्यात ऋण का अंश कम हुआ है और यह चिंता का विषय है, विशेषकर एमएसएमई क्षेत्र के लिए, जिसे ऋण देने वाली संस्थाओं की ओर से हो रही अतिरिक्त मांग का सामना करना पड़ रहा है।
वाणिज्य मंत्री ने कहा कि हितधारकों के साथ आज की बैठक इस महत्वपूर्ण चुनौती का सामना करने और प्रतिभागी संगठनों और संस्थाओं की ओर से दी गई जानकारी के आधार पर स्थिति से निपटने के लिए बुलाई गई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि निर्यातकों का बोझ कम करने और भारतीय निर्यातों को विश्व की बेहतरीन पद्धतियों के अनुरूप प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए हमें सबसे पहले स्थायित्व पूर्ण नीति वाला एक प्रारूप तैयार करना होगा, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य, निरंतर और सुदृढ हो और उसके बाद विश्वास, निष्ठा और परिश्रम पर आधारित उसी प्रारूप के भीतर से समाधान तलाशने चाहिए। सरकारी संगठनों, निर्यात संवर्धन परिषदों और वित्तीय संस्थानों द्वारा किये गए कार्यों में पारदर्शिता लानी होगी।
श्री गोयल ने बताया कि पारदर्शिता भारत के निर्यात के वास्तविक प्रतिस्पर्धी लाभों का दोहन किया जाना सुनिश्चित करेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी हितधारकों के साथ आज की बैठक के परिणाम न केवल निर्यात क्षेत्र के लिए विजन प्रदान करेंगे, बल्कि सरकारी विभागों और वित्तीय संस्थानों द्वारा कार्यान्वयन और कार्रवाई की कार्ययोजना भी प्रस्तुत करेंगे। श्री पीयूष गोयल ने आशा व्यक्त की कि इस बैठक के परिणामस्वरूप अगले पांच वर्षों में निर्यात ऋण तीन गुना हो जाएगा और भारत शेष दुनिया के साथ बराबरी कर सकेगा, जहां ऋण सस्ता है और ब्याज दरें कम हैं।
बैठक में वित्त मंत्रालय, आर्थिक मामलों के विभाग, वित्तीय सेवाओं के विभाग, भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक, बार्कलेज बैंक, सिटी इंडिया, बैंक ऑफ अमेरिका, एक्जिम बैंक, ईसीजीसी, इंडियन बैंक्स एसोसिएशन, एफआईईओ, ईईपीसी, जीजेईपीसी, लघु उद्योग भारती, फिक्की और सीआईआई के अधिकारी शामिल होंगे।