Tuesday, November 26, 2024
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भारत को सदैव राष्‍ट्रीय सुरक्षा के प्रति सावधान रहना चाहिए: उपराष्‍ट्रपति

नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। उपराष्‍ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत को सदैव राष्‍ट्रीय सुरक्षा को होने वाले खतरों के प्रति सावधान रहना चाहिए क्‍योंकि भारत ने तेजी से प्रगति पथ पर अग्रसर अर्थव्‍यवस्‍था को नई गति प्रदान करने में उल्‍लेखनीय प्रगति की है।
उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि विकास एवं तरक्‍की के लिए सुरक्षित माहौल एक नितांत आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि हमें अपनी रक्षा तैयारियां सदैव दुरुस्‍त रखनी चाहिए।
श्री नायडू ने आज आंध्र प्रदेश के विशाखापत्‍तनम में सोसायटी फॉर अप्‍लायड माइक्रोवेव इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (समीर) की इलेक्‍ट्रोमैग्नेटिक पल्‍स (ईएमपी) और ईएमआई यूनिटों का दौरा करने के बाद प्रौद्योगिकी और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचागत प्रणालियों को ईएमपी से होने वाले नुकसान का उल्लेख किया।
श्री नायडू ने कहा कि मानव अथवा प्राकृतिक तौर पर उत्‍पन्‍न ईएमपी से विशाल भौगोलिक क्षेत्रों के प्रभावित होने का अंदेशा है। इससे राष्‍ट्र की सुरक्षा और आर्थिक समृद्धि के लिए महत्‍वपूर्ण माने जाने वाले अवयवों के बाधित होने की आशंका है। यही नहीं, इससे वैश्विक स्‍तर पर वाणिज्‍य और स्थिरता भी व्‍यापक रूप से प्रभावित हो सकती है। उन्‍होंने विशेष जोर देते हुए कहा, ‘यह अत्‍यंत आवश्‍यक है कि देश अत्‍याधुनिक रक्षा व्‍यवस्‍था विकसित करे और ईएमपी-रोधी बुनियादी ढांचागत सुविधाएं सृजित करे, ताकि ईएमपी हमले जैसे खतरों को टाला जा सके।’
श्री नायडू ने कहा कि ईएमआई, ईएमसी और ईएमपी के क्षेत्रों में अपने व्‍यापक अनुभवों की बदौलत सोसायटी फॉर अप्‍लायड माइक्रोवेव इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (समीर) अपनी विशेषज्ञता की बदौलत रक्षा सेवाओं, शैक्षणिक संस्‍थानों, सार्वजनिक और निजी उद्योगों के काम आ सकती है।
उपराष्‍ट्रपति ने रेडियो फ्रीक्‍वेंसी/माइ्क्रोवेव, इलेक्‍ट्रोमैग्‍नेटिक इंटरफ्रेंस, अनुकूलता और पल्स (ईएमआई/ईएमसी/ईएमपी), मिलीमीटर वेव टेक्‍नोलॉजी, संचार इत्‍यादि क्षेत्रों में उन्‍नत अनुसंधान के लिए समीर की सराहना की।
उपराष्‍ट्रपति ने आंध्र प्रदेश के आधिकारिक तेलुगू भाषा दिवस का उल्‍लेख करते हुए लोगों से अपनी मातृभाषा का संरक्षण एवं संवर्धन करने का आह्वान किया। उन्‍होंने यह सुझाव दिया कि प्राथमिक स्‍तर तक शिक्षा स्‍थानीय भाषा में दी जानी चाहिए।