हाथरस, नीरज चक्रपाणि। श्याम कुंज स्थित एम. एल. डी. वी. पब्लिक इण्टर कालेज में बुद्धि और समृद्धि के दाता, माता पार्वती और भगवान शिव के पुत्र भगवान गणेश का जन्मदिन गणपति महोत्सव के रूप में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने संकटों एवं मुश्किलों को हरने वाले, बच्चों के प्यारे दोस्त गणेश का स्मरण करते हुये कहा कि उनकी आराधना करने से बुद्धि, समृद्धि एवं असीम आनन्द की प्राप्ति होती है। संसार में प्रथम पूजा किस देवता की हो इसके लिये श्री गणेश एवं उनके भाई कार्तिकेय में देवताओं द्वारा विश्व-दौड़ जीतने की प्रतियोगिता रखी गयी। कार्तिकेय के पास द्रुत गति से चलने वाली सवारी मयूर थी, जबकि गणेश जी के पास उनकी सवारी मूसक (चूहा) था। बुद्धि एवं ज्ञान के अक्षय भण्डार श्री गणेश ने संसार की परिक्रमा लगाए जाने के स्थान पर अपने माता-पिता भगवान शंकर एवं पार्वती की परिक्रमा लगाकर इस प्रतियोगिता में अपने भाई कार्तिकेय को बहुत पीछे छोड़ दिया था। यही कारण है कि किसी भी कार्य को प्रारम्भ करने से पहले भगवान गणेश की पूजा एवं आराधना की जाती है जिससे कार्य निर्विध्न पूर्ण होता है।
इस अवसर पर नारद पुराण में गणेश जी के बारह नामों का उल्लेख करते हुये कार्डीनेटर आर.पी.कौशिक एवं शैलकान्ता गुप्ता ने बतलाया कि गणेश जी को सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्ण, लंबोदर, विकट, विनायक, धूमकेतु, गणाध्यक्ष, भालचन्द्र, गजानन और विघ्ननाशक नामों से जाना जाता है एवं पूजा व अर्चना की जाती है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये राज्य अध्यापक पुरस्कार से पुरस्कृत संस्था के डायरेक्टर स्वतंत्र कुमार गुप्त ने गणपति बप्पा मोरिया का जयघोष कराते हुये गणेश उत्सव के अन्तिम दिन प्लास्टर आफ पेरिस से बनी मूतिर्याे के विसर्जन से होने वाले जलीय पर्यावरण-प्रदूषण पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि इस प्रदूषण को रोकने के लिये मिट्टी या चन्दन की लकड़ी से बनी इको फेन्डली गणपति प्रतिमाओं का जल में विसर्जन किया जावे साथ ही कृत्रिम पेण्ट की मूर्तियों को प्रयोग न कर हल्दी व चंदन वाली गणपति मूर्तियों के प्रयोग का आव्हान किया जिससे विघ्नों को दूर करने वाले गणपति बप्पा के इस मंगलमय त्यौहार को धूम-धाम से मनाकर पर्यावरण सुरक्षा हेतु हम अपना बहुमूल्य सहयोग प्रदान कर सकें।
कार्यक्रम में दीपाली, हिमांशी, चित्रांशी, नेहा, प्राची, खुशी, अंजू वाष्र्णेय एवं संजय मिश्रा के गणपति भक्ति के गीतों ने कार्यक्रम को गणपतिमय कर दिया। कार्यक्रम का संचालन विशाल सिंगला ने किया। अन्त में संस्था की प्रधानाचार्या नीरू गुप्ता ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।